पूजन सामग्री से पटे बाजार, जमकर हुई खरीदारी
नवरात्र की तैयारियां घर-घर में शुरू हो चुकी हैं और बाजार भी सजकर तैयार है।
मेरठ, जेएनएन। नवरात्र की तैयारियां घर-घर में शुरू हो चुकी हैं, और बाजार भी सजकर तैयार है। 13 से 22 अप्रैल तक नवरात्र हैं। इसके लिए लोग बाजार में नवरात्र पूजन के लिए खरीदारी कर रहे हैं। घटस्थापना के लिए जहां मिट्टी के कलश और दीपक की खरीदारी को लोग उमड़ रहे हैं, वहीं मां भगवती के श्रृंगार के लिए लाल चुनरी, हार, मुकुट सिंदूर, चंदन टीका, सुपारी, लौंग, कपूर, हवन सामग्री, अगरबत्ती, धूपबत्ती और मां दुर्गा की मूर्ति की भी खरीदारी हो रही है। इसके अलावा नवरात्र में नौ दिन व्रत करने वाले भक्तों ने व्रत सामग्री की भी रविवार को खरीदारी की।
मंसा देवी मंदिर के मुख्य पुजारी भगवत गिरि ने बताया कि साल में चार नवरात्र आते हैं, चैत्र, शारदीय और दो गुप्त नवरात्र। नवरात्र में नौ दिन मां के नौ रूपों की पूजा उपासना की जाती है। नवरात्र में हवन-पूजन का भी विशेष महत्व है। इससे मानसिक शांति मिलती है, वातावरण शुद्ध होता है और शरीर में भी ऊर्जा का संचार होता है।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त- सुबह 5.28 बजे से 10.14 बजे तक
घटस्थापना का दूसरा शुभ मुहूर्त- सुबह 11.56 बजे से दोपहर 12.47 बजे तक
नवरात्र के पहले दिन शुभ मुहूर्त
-अमृतसिद्धि योग 13 अप्रैल सुबह 6.11 बजे से दोपहर 2.19 बजे तक
-सर्वार्थसिद्धि योग 13 अप्रैल सुबह 6.11 बजे से दोपहर 2.19 बजे तक
-अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12.02 बजे से दोपहर 12.52 बजे तक
-अमृत काल सुबह 6.15 बजे से सुबह 8.03 बजे तक
-ब्रह्मा मुहूर्त सुबह 4.35 बजे से 5.23 बजे तक नवरात्र में हवन से विषाणु और बीमारियों से मिलता है छुटकारा
आयुर्वेदाचार्य डा. ब्रजभूषण शर्मा ने बताया कि हवन के धुएं से प्राण संजीवनी शक्ति का संचार होता है। हवन के माध्यम से बीमारियों और विषाणुओं से छुटकारा पाया जा सकता है। इसका वर्णन ऋग्वेद में भी किया गया है। कोरोना महामारी का संकट एक बार फिर गहराने लगा है। संक्रमण से बचाव के लिए शारीरिक दूरी, सैनिटाइजर और लोग खानपान में कई बदलाव कर रहे हैं। ऐसे में वातावरण को शुद्ध करने और स्वयं को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए नवरात्र में हवन करना आवश्यक है। हवन में आम की लकड़ी, घी, लौंग, कपूर, जौ, तिल, गुगल, उपले, लोबान, इलायची, सरसों और हवन सामग्री का प्रयोग करें। इससे वातावरण से सभी विषाणु नष्ट हो जाते हैं और वातावरण शुद्ध होता है।