फिर जागी उम्मीद : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ है एम्स का प्रमुख दावेदार
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एम्स का सबसे प्रमुख दावेदार मेरठ है। 14 जिलों की चिकित्सा व्यवस्था मेरठ के मेडिकल कॉलेज पर निर्भर है। लेकिन फिर से मेरठ में एम्स की उम्मीदें जागी हैं।
By Ashu SinghEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 10:22 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jun 2019 10:22 AM (IST)
मेरठ, [जागरण स्पेशल] । पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एम्स का सबसे प्रमुख दावेदार मेरठ है। 14 जिलों की चिकित्सा व्यवस्था मेरठ के मेडिकल कॉलेज पर निर्भर है। शुक्रवार को प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ राज्यों के वित्त मंत्रियों की बजट से पूर्व चर्चा में मेरठ में एम्स बनाने की मांग रखी। इस चर्चा से चिकित्सकों एवं जनप्रतिनिधियों की उम्मीदें बलवती हो उठी हैं।
एम्स या पीजीआइ का दर्जा देने की मांग
बता दें कि भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर मेरठ मेडिकल कॉलेज को एम्स या पीजीआइ का दर्जा देने की मांग की थी। उनका कहना था कि आसपास के 14 जिले के मरीज लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आते हैं।
सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक भी बन चुका
72 एकड़ में फैले मेडिकल कॉलेज परिसर में अब सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक भी बन चुका है। 900 बेड का अस्पताल है। उनका सवाल था कि गोरखपुर और रायबरेली में एम्स हो सकता है तो मेरठ में क्यों नहीं। सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी संसद में एम्स की मांग उठा चुके हैं। तीन साल पहले शासन की टीम ने एम्स की संभावनाओं को लेकर मेरठ का दौरा भी किया था।
इनका कहना है
मैने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत मेरठ के लिए 2012 में सुपरस्पेशिलियटी ब्लाक पास कराया था, जो बनकर तैयार है। मेरठ में एक एम्स-अखिल भारतीय संस्थान की जरूरत है। मेडिकल कैंपस में भी पर्याप्त जमीन है। एम्स के लिए पूरी ताकत लगाऊंगा।
- राजेंद्र अग्रवाल, सांसद, मेरठ-हापुड़
मेडिकल कॉलेज को एम्स या पीजीआई का दर्जा देना चाहिए। पश्चिमी उप्र का केंद्र होने के कारण मेरठ प्रमुख दावेदार है। सरकार ने केंद्र से मांग की है। एम्स के लिए पूरी ताकत के साथ लड़ाई लड़ेंगे। मेरठ में ही एम्स बनेगा।
- लक्ष्मीकांत वाजपेयी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
मेडिकल कॉलेज के पास पर्याप्त जमीन है। सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक बन चुका है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज को एम्स का दर्जा दे दिया जाए तो पश्चिमी उप्र में चिकित्सा सेवाएं और बेहतर हो जाएंगी। इसकी जरूरत भी है।
- डॉ.आरसी गुप्ता,प्राचार्य लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज मेरठ
एम्स या पीजीआइ का दर्जा देने की मांग
बता दें कि भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर मेरठ मेडिकल कॉलेज को एम्स या पीजीआइ का दर्जा देने की मांग की थी। उनका कहना था कि आसपास के 14 जिले के मरीज लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आते हैं।
सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक भी बन चुका
72 एकड़ में फैले मेडिकल कॉलेज परिसर में अब सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक भी बन चुका है। 900 बेड का अस्पताल है। उनका सवाल था कि गोरखपुर और रायबरेली में एम्स हो सकता है तो मेरठ में क्यों नहीं। सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी संसद में एम्स की मांग उठा चुके हैं। तीन साल पहले शासन की टीम ने एम्स की संभावनाओं को लेकर मेरठ का दौरा भी किया था।
इनका कहना है
मैने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत मेरठ के लिए 2012 में सुपरस्पेशिलियटी ब्लाक पास कराया था, जो बनकर तैयार है। मेरठ में एक एम्स-अखिल भारतीय संस्थान की जरूरत है। मेडिकल कैंपस में भी पर्याप्त जमीन है। एम्स के लिए पूरी ताकत लगाऊंगा।
- राजेंद्र अग्रवाल, सांसद, मेरठ-हापुड़
मेडिकल कॉलेज को एम्स या पीजीआई का दर्जा देना चाहिए। पश्चिमी उप्र का केंद्र होने के कारण मेरठ प्रमुख दावेदार है। सरकार ने केंद्र से मांग की है। एम्स के लिए पूरी ताकत के साथ लड़ाई लड़ेंगे। मेरठ में ही एम्स बनेगा।
- लक्ष्मीकांत वाजपेयी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
मेडिकल कॉलेज के पास पर्याप्त जमीन है। सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक बन चुका है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज को एम्स का दर्जा दे दिया जाए तो पश्चिमी उप्र में चिकित्सा सेवाएं और बेहतर हो जाएंगी। इसकी जरूरत भी है।
- डॉ.आरसी गुप्ता,प्राचार्य लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज मेरठ
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