माजिद को 12 वर्ष में पुलिस पकड़ नहीं पाई, मौत आई और ले गई Meerut News
गुदड़ी बाजार के तिहरे हत्याकांड के आरोपित माजिद की मौत हो गई। 50 हजारी माजिद की मौत के बाद पुलिस ने लिस्ट से नाम काट दिया।
मेरठ, जेएनएन। प्रदेश को हिलाकर रख देने वाले शहर के चर्चित तिहरे हत्याकांड के आरोपित माजिद को जिंदा रहते पुलिस पकड़ नहीं पाई। 50 हजार का इनाम घोषित होने के बाद भी माजिद का पता न लग सका। हार्टअटैक से मौत होने के बाद सामने आया कि माजिद गुदड़ी बाजार में ही पुलिस से छिपकर रह रहा था। मौत की सूचना पर पुलिस ने वांटेड सूची से उसका नाम काट दिया। बता दें कि मुख्य आरोपित हाजी इजलाल अभी भी जेल में बंद है।
कोतवाली के गुदड़ी बाजार में पुनीत गिरि, सुनील ढाका और कुलदीप उज्जवल की हत्या कर दी गई थी, जिसका पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने हाजी इजलाल, अफजाल, देवेन्द्र आहूजा सहित अन्य नामजदों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हाजी इजलाल, अफजाल व देवेंद्र आहूजा तभी से मेरठ जेल में बंद हैं। गुदड़ी बाजार के माजिद की फरारी पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया। उसके बावजूद भी पुलिस माजिद को पकड़ नहीं सकी। 12 साल बीतने के बाद भी पुलिस की सूची में माजिद वांटेड ही चलता रहा, जबकि माजिद अपने घर पर ही रह रहा था। सोमवार को अचानक ही हार्टअटैक होने से माजिद की मौत हो गई। परिवार के लोगों ने तब पुलिस को जानकारी दी। उसके बाद पुलिस ने अपनी वांटेड सूची से माजिद का नाम काट दिया। माजिद को परिवार के लोगों ने नौचंदी थाना क्षेत्र के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया।
क्या था मामला
22 मई 2008 में कोतवाली थाना क्षेत्र के गुदड़ी बाजार इलाके मेें हाजी इजलाल समेत एक दर्जन से अधिक लोगों ने पुनीत गिरि, सुनील ढाका और कुलदीप उच्जवल की निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी थी। हत्या को हादसा दर्शाने के लिए तीनों के शव को एक कार की डिग्गी में डालकर बागपत जिले के बिनौली थाना क्षेत्र में एक नहर में डालने का प्रयास किया गया था। इस वारदात के पर्दाफाश के बाद शहर में जमकर बबाल हुआ था। मृतकों के परिजनों की तहरीर पर हाजी इजलाल, मन्नू पंजाबी, इजहार, शम्मी, मेहराज, इसरार, अफजाल, कल्लू उर्फ कलुवा उर्फ अब्दुल रहमान, माजिद, बदरुद्दीन, वसीम, रिजवान, परवेज आदि के खिलाफ आइपीसी की धारा 364, 302 और 201 में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस हत्याकांड में शीबा नामक युवती का नाम भी आया था।
इन्होंने बताया
पुलिस के रिकार्ड में माजिद पिछले 12 साल पहले से वांछित है, फिलहाल उसकी पड़ताल भी नहीं की गई, जो छिपकर अपने घर पर रह रहा था। उसकी मौत की सूचना मिली है, जिसकी तस्दीक कराई जा रही है।
-दिनेश शुक्ला, सीओ कोतवाली।