हस्तिनापुर की धरती पर फिर होगी महाभारत
अयोध्या की तरह हस्तिनापुर को भी विश्व पटल पर ले जाने की कवायद शुरू हो गई है।
मेरठ, जेएनएन। अयोध्या की तरह हस्तिनापुर को भी विश्व पटल पर ले जाने की कवायद शुरू हो गई है। इसका बीड़ा उठाया है जिला पंचायत अध्यक्ष कुलविदर सिंह के पिता मुखिया गुर्जर ने। मुखिया का कहना है कि सनातन संस्कृति में दो सबसे बड़े इतिहास प्रधान ग्रंथ हैं। जिसमें पहली रामायण और दूसरी श्रीमद् भागवत गीता। लेकिन रामायण के मंचन को देश-दुनिया में सब जगह स्थान मिला, अयोध्या को एक नजीर की तरह संवारा गया। वहीं महाभारत के इतिहास को अपने दामन में समेटे हस्तिनापुर की धरती बरसों से उपेक्षा की शिकार रही। अयोध्या में हर तरह की सुख-सुविधा लाई गई। लेकिन आज महाभारत कालीन हस्तिनापुर में रेलवे ट्रैक व संग्रहालय आदि की स्थापना भी नहीं हो सकी। हस्तिनापुर के वैभव और उसके स्वरूप को बदलने के लिए हस्तिनापुर सांस्कृतिक फाउंडेशन ने यह साहसिक कदम उठाया है। चैत्र मास के नवरात्रि में हस्तिनापुर में महाभारत का शानदार व भव्य मंचन किया जाएगा। जिसमें सनी देओल जैसे बड़े कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। इस भव्य मंचन के माध्यम से हस्तिनापुर स्वयं अपनी पीड़ा और कहानी को बयां करेगा।
12 और 13 दिसंबर को आडिशन
मुखिया गुर्जर ने बताया कि साल में दो बार नवरात्रि मनाई जाती है। शारदीय नवरात्रि में रामलीला होती है। जबकि चैत्र मास यानि मार्च अप्रैल में महाभारत का आयोजन हस्तिनापुर में बड़े स्तर पर कराने की योजना तैयार की है। उन्होंने कहा कि इसके लिए 12 और 13 दिसंबर को जिला पंचायत सभागार में आडिशन रखे गए हैं।
एक दिन के लिए भीम बनने को तैयार सनी देओल
मुखिया गुर्जर ने बताया कि महाभारत के मंचन के लिए टीवी पर प्रसारित महाभारत सीरियल के कुछ पात्रों से बात हुई है। जो हस्तिनापुर में आने के लिए राजी हो गए हैं। उसमें मुख्य रूप से गुरु द्रोणाचार्य और धृतराष्ट्र के किरदार वही निभाएंगे। इसके अलावा बालीवुड अभिनेता सनी देओल ने आश्वस्त किया है कि वह एक दिन के लिए भीम का रोल निभाने के लिए तैयार हैं।