कर्ण भूमि में फिर होगी महाभारत
जेएनएन, मेरठ। कर्ण भूमि कैराना में एक बार फिर चिर-परिचित राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हुकुम ¨सह व मुनव्वर हसन के परिवार आमने-सामने हैं। जीत-हार को लेकर एक बार फिर दोनों परिवारों में कर्ण भूमि में महाभारत होनी है।
जेएनएन, मेरठ। कर्ण भूमि कैराना में एक बार फिर चिर-परिचित राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हुकुम ¨सह व मुनव्वर हसन के परिवार आमने-सामने हैं। जीत-हार को लेकर एक बार फिर दोनों परिवारों में कर्ण भूमि में महाभारत होनी है। गठबंधन ने पूर्व सांसद की पत्नी तबस्सुम हसन व भाजपा ने मृगांका को प्रत्याशी बनाकर चुनावी जंग का ऐलान कर दिया है। आमने-सामने के इस चुनाव में दो दिग्गज गुर्जर परिवारों में कांटे की टक्कर होगी। मृगांका हिन्दू तो तबस्सुम हसन मुस्लिम गुर्जरों पर एकाधिकार का दावा करती है। भाजपा ने पश्चिमी उप्र के अपने रणनीतिकारों के अलावा सभी मंत्री, सांसद व विधायकों को कैराना में तैनात कर चुनाव को बेहद रोमांचक बना दिया है। दूसरी ओर, रालोद प्रमुख चौ. अजित ¨सह व जयंत चौधरी ने मतदान के दिन तक कैराना क्षेत्र में ही डेरा डालने का ऐलान कर दिया है।
सपा विधायक नाहिद हसन की मां व पूर्व सांसद तबस्सुम हसन को टिकट देकर सपा-बसपा ने भाजपा की रणनीति को तोड़ने का प्रयास किया है। माना जा रहा है कि सपा-बसपा ने जाट वोटों को भाजपा से अलग करने को यह दांव खेला है। कैराना लोकसभा सीट पर जाट वोट बेहद अहम है। भाजपा ने मृगांका ¨सह को प्रत्याशी बनाकर सहानुभूति हासिल करने का प्रयास किया है। भाजपा का मानना है कि सांसद हुकुम ¨सह का असमय निधन, मृगांका की विधानसभा चुनाव में हार व सहानुभूति के दम पर वह परंपरागत वोटों के साथ ही गुर्जर वोट हासिल कर लेंगी। इसके अलावा हुकुम सिंह ने पलायन प्रकरण का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। बीते एक साल में पलायन के खौफ की वजह माने जा रहे बदमाशों के एनकाउंटर से व्यापारियों ने राहत महसूस की है। भाजपा इस मुद्दे को भी कैश करने की योजना बना रही है। वहीं, सपा-बसपा गठबंधन में रालोद को शामिल करने व तबस्सुम को प्रत्याशी बनाकर 2019 का नया समीकरण पेश किया गया है। बुआ-भतीजे ने तबस्सुम को प्रत्याशी बनाकर मुस्लिम, दलित, गुर्जर व जाट समीकरण बनाने का प्रयास किया है। तबस्सुम मुस्लिम गुर्जर हैं। फिलहाल दानवीर कर्ण की भूमि में एक बार फिर शुरू हुई महाभारत में हुकुम व मुनव्वर परिवार आमने-सामने हैं।