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मदरसों की दहलीज पर दम तोड़ रही खसरा-रूबेला टीकाकरण की मुहिम

सरकार खसरा और रूबेला जैसी जानलेवा बीमारियों को जड़ से खत्म करने के लिए टीकाकरण अभियान चलाए हुए है। लेकिन मेरठ के कुछ मदरसों में टीके लगवाने से इन्कार किया जा रहा है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 11:54 AM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 11:54 AM (IST)
मदरसों की दहलीज पर दम तोड़ रही खसरा-रूबेला टीकाकरण की मुहिम
मदरसों की दहलीज पर दम तोड़ रही खसरा-रूबेला टीकाकरण की मुहिम

मेरठ, [रवि प्रकाश तिवारी]। रूबेला की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी मशक्कत कर रहा है। जिला प्रशासन भी मुहिम को परवान चढ़ाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। विशेष कैंप लगाने के साथ स्कूलों में अभियान भी चल रहे हैं, पर कुछ मदरसा संचालक अभियान में रोड़ा बने खड़े हैं। वैक्सीन देने पहुंची डॉक्टरों की टीम को बैरंग लौटाया जा रहा है। अब तक 35 मदरसों में अभिभावकों और मदरसा संचालकों ने वैक्सीन लगवाने से साफ इन्कार कर दिया है। जाहिर है कि हजारों बच्चों का भविष्य दांव पर है लेकिन जब तालीम के इदारों में ही जागरूकता की तख्ती कोरी है तो गैर तालीमयाफ्ता या कम पढ़े-लिखे लोगों से भला क्या उम्मीद की जा सकती है।
चल रहा है अभियान
खसरा और रूबेला की रोकथाम के लिए पहली बार सिर्फ एक वैक्सीन दी जा रही है। इसके लगने के 26 दिन के अंदर ही बच्चों में इन दोनों रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाएगी। मेरठ में अब तक 6.5 लाख से ज्यादा बच्चों को वैक्सीन दी जा चुकी है, लेकिन कुछ मदरसे इस मुहिम को परवान चढ़ने से रोक रहे हैं। इस रवैये से स्वास्थ्य विभाग परेशान है। जिला प्रशासन और शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है। मदरसा संचालक वैक्सीन न लगवाने का सीधे-सीधे तो कोई तर्क नहीं देते लेकिन अभिभावकों की आड़ में इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है, जब बच्चों के अभिभावक ही मना कर रहे हैं तो हम कैसे लगवा दें।

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  • 30 दिसंबर, 2018 तक चलना है वैक्सीनेशन कार्यक्रम
  • 6.5 लाख बच्चों को ही अब तक दी जा सकी है वैक्सीन
  • 13.5 लाख बच्चों को दी जानी है रूबेला की वैक्सीन
  • 26 दिन में प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है वैक्सीन

'...मोदी-योगी की साजिश है'
वैक्सीन का विरोध करने वाले अभिभावकों से जब इस बारे में पूछा गया तो कुछ ने बच्चों की तबीयत बिगड़ने की बात कही तो कोई व्यवस्था पर ही सशंकित दिखा। कुछ ने तो यहां तक कहा कि वैक्सीन के नाम पर यह मोदी-योगी की साजिश है। भाजपा वाले हमारे बच्चों की नस्ल खराब करने पर तुले हैं, हम ऐसा नहीं होने देंगे।
अलीगढ़ मेडिकल कालेज और दारुल उलूम ने दी है क्लीनचिट
शहर काजी प्रोफेसर जैनुस साजिदीन का कहना है कि रुबेला वैक्सीन को अलीगढ़ मेडिकल कालेज और दारुल उलूम के जिम्मेदारों ने क्लीन चिट दी है। इसे लगवाने में न तो कोई खतरा है और न ही शक का औचित्य है। टीकाकरण के दौरान कुछ बच्चों के बेहोश होने की खबर अखबारों में प्रकाशित होने के बाद मदरसों में इसे लेकर डर का माहौल है। इसे दूर करने का प्रयास जारी है। दूसरा कारण यह सामने आ रहा है कि टीकाकरण की टीम मदरसों में उस समय पहुंचती है जब बच्चों के खाने का समय नहीं होता। जबकि टीकाकरण के लिए पहले खाना खाने की हिदायत है। इसके चलते भी दिक्कतें आ रही हैं। सभी मदरसा संचालकों से बच्चों को टीका लगवाने की अपील की गई है।
इनका कहना है 
मैंने रूबेला वैक्सीन के टीकाकरण का विरोध नहीं किया। स्वास्थ्य विभाग की टीम मदरसे में आई थी, लेकिन बच्चों के परिजनों के विरोध के चलते वापस लौट गई।
-हाफिज एजाज, मदरसा एजाज, मोहल्ला कल्याण सिंह मवाना
टीकाकरण की सूचना दिए बिना टीम अचानक आ गई। हमने अभिभावकों को बुला लिया। 50 फीसद अभिभावकों ने टीका लगवाने से मना कर दिया। परिजनों का कहना था कि इस तरह के टीकाकरण से उनके बच्चे बीमार हो जाते हैं।
-आरिफ खान, प्रबंधक, लिटिल फ्लावर स्कूल पीपलीखेड़ा
मदरसों द्वारा वैक्सीन न लगवाने की जानकारी से शासन को अवगत कराया है। हम स्थानीय स्तर पर धर्मगुरुओं से मिलकर समस्या समाधान का भी प्रयास कर रहे हैं।
-विश्वास चौधरी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी

स्वास्थ्य विभाग को इन मदरसों से मिली मायूसी

  • मकबरा डिग्गी क्षेत्र: मदरसा तालीम उल इस्लाम, फैज उल कुरान, मदरसा अश्किया।
  • शाहपीर गेट क्षेत्र: एसयूबीएम पब्लिक स्कूल।
  • राजेंद्र नगर क्षेत्र: मदरसा अय्यूबिया तिलावतन, मदरसा इस्लामिया अरबिया, मदरसा कास्मिया अरबिया, मदरसा ताजदुज कुरान।
  • भूड़बराल क्षेत्र: मदरसा कासित उल उलूम, मदरसा मदीना, मदरसा जामिया मेहम्मदिया, मदरसा तालीम उल कुरान, मदरसा पैज उल उलूम।
  • सरूरपुर क्षेत्र: मदरसा सिद्दिकिया।
  • तारापुरी क्षेत्र: जामिया अरबिया मारीफुल कुरान।
  • माछरा क्षेत्र: मदरसा जामिया मोहम्मदिया।
  • रजपुरा क्षेत्र: मदरसा दारुल उल उलूमजामिया, मदरसा दारूल उल उलूम फारुकिया, मदरसा फैज उल उलूम।
  • जानी खुर्द क्षेत्र: मदरसा अल्जा जामिया, मदरसा एनएएम, मदरसा इस्लामिक, फलक तालीम स्कूल।
  • मवाना क्षेत्र: मदरसा अजाज, जामुन वाली मस्जिद का मदरसा।
  • खरखौदा क्षेत्र: मदरसा अरबिया जामिया मोहम्मदिया, मदरसा नौगाया वाला, मदरसा इस्लामिक अजिज्या, लिटिल स्टार पब्लिक स्कूल, समर अरेबिक पब्लिक स्कूल।
  • रोहटा क्षेत्र: मदरसा फातिमा तोज जोहरा।
  • कंकरखेड़ा क्षेत्र: बाजार वाला मदरसा-गोविंदपुरी, बड़ के पेड़ वाला मदरसा।

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