जुमे की नमाज में अपील, टीकाकरण में सहयोग करेंगे मदरसे
मेरठ के 35 मदरसों ने खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान में सहयोग करने से इन्कार कर दिया था। अब अधिकारियों के समझाने पर मदरसा संचालक टीकाकरण के लिए तैयार हैं।
By Ashu SinghEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 04:47 PM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 04:47 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। प्रशासन की सक्रियता के बाद रूबेला-खसरा टीकाकरण से इन्कार करने वाले मदरसों के संचालक और प्रधानाचार्य टीकाकरण में सहयोग करने के लिए तैयार हो गए हैं। शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान मस्जिदों में टीका लगवाने की अपील भी की गई। सोमवार से स्वास्थ्य विभाग की टीमें मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को एमआर वैक्सीन का टीका लगाएंगी।
35 मदरसों ने नहीं किया था सहयोग
स्वास्थ्य विभाग के रूबेला-खसरा टीकाकरण अभियान में जिले के करीब 35 मदरसों ने सहयोग नहीं किया था। इसका संज्ञान जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने लिया था। डीएम के निर्देश पर सीडीओ आर्यका अखौरी और जिला अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी मो. तारिक ने इन्कार करने वाले सभी मदरसों के संचालकों और प्रधानाचार्यों के साथ गुरुवार को बैठक की थी। इसमें मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजकुमार और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. विश्वास चौधरी की मौजूदगी में मदरसों के संचालकों और प्रधानाचार्यो से टीकाकरण से इन्कार करने की वजह पूछी गई।
यह बताई थी वजह
उनका कहना था कि जब पहले रूबेला-खसरा का टीका बच्चों को लगाया जा चुका है तो फिर अतिरिक्त डोज क्यों दी जा रही है। कुछ जिलों से टीकाकरण के बाद बच्चों के बीमार होने की सूचना भी आ रही है। सीएमओ डॉ. राजकुमार ने कहा कि नौ माह से 15 साल तक के बच्चों को रूबेला-खसरा संक्रमण से बचाने के लिए एमआर वैक्सीन का टीका लगाना अनिवार्य है। विदेशों में अतिरिक्त डोज देने के बाद रूबेला-खसरा संक्रमण से मृत्यु दर का ग्राफ बहुत कम हो गया है। बताया कि टीका बिल्कुल सुरक्षित है। बैठक में अधिकतर मदरसों ने सहयोग के लिए फौरन हामी भर दी।
अभी तक 7.77 लाख बच्चों को लगे टीके
स्वास्थ्य विभाग के अभियान में अभी तक जिले के 7.77 लाख बच्चों को रूबेला-खसरा की वैक्सीन दी जा चुकी है। सोमवार को मदरसों में व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाने की तैयारी स्वास्थ्य विभाग ने कर ली है।
35 मदरसों ने नहीं किया था सहयोग
स्वास्थ्य विभाग के रूबेला-खसरा टीकाकरण अभियान में जिले के करीब 35 मदरसों ने सहयोग नहीं किया था। इसका संज्ञान जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने लिया था। डीएम के निर्देश पर सीडीओ आर्यका अखौरी और जिला अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी मो. तारिक ने इन्कार करने वाले सभी मदरसों के संचालकों और प्रधानाचार्यों के साथ गुरुवार को बैठक की थी। इसमें मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजकुमार और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. विश्वास चौधरी की मौजूदगी में मदरसों के संचालकों और प्रधानाचार्यो से टीकाकरण से इन्कार करने की वजह पूछी गई।
यह बताई थी वजह
उनका कहना था कि जब पहले रूबेला-खसरा का टीका बच्चों को लगाया जा चुका है तो फिर अतिरिक्त डोज क्यों दी जा रही है। कुछ जिलों से टीकाकरण के बाद बच्चों के बीमार होने की सूचना भी आ रही है। सीएमओ डॉ. राजकुमार ने कहा कि नौ माह से 15 साल तक के बच्चों को रूबेला-खसरा संक्रमण से बचाने के लिए एमआर वैक्सीन का टीका लगाना अनिवार्य है। विदेशों में अतिरिक्त डोज देने के बाद रूबेला-खसरा संक्रमण से मृत्यु दर का ग्राफ बहुत कम हो गया है। बताया कि टीका बिल्कुल सुरक्षित है। बैठक में अधिकतर मदरसों ने सहयोग के लिए फौरन हामी भर दी।
अभी तक 7.77 लाख बच्चों को लगे टीके
स्वास्थ्य विभाग के अभियान में अभी तक जिले के 7.77 लाख बच्चों को रूबेला-खसरा की वैक्सीन दी जा चुकी है। सोमवार को मदरसों में व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाने की तैयारी स्वास्थ्य विभाग ने कर ली है।
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