मेरठ: कचरे के नरक से मुक्ति चाहता है माधवपुरम, दैनिक जागरण के विशेष अभियान में उठाया गया 10 ट्राली कचरा
दैनिक जागरण के स्वच्छ मेरठ स्वस्थ मेरठ अभियान के तहत गुरुवार को वार्ड 48 माधवपुरम में विशेष सफाई कराई गई। अभियान में पहुंचे निगम अफसरों ने जनता की समस्याएं सुनीं। जनता ने गंदगी और ग्रीन बेल्ट में भरे गंदे पानी से निजात दिलाने की मांग की।
जागरण संवाददाता, मेरठ। विशेष सफाई अभियान माधवपुरम बिजलीघर के पास से शुरू हुआ। सफाई एवं खाद्य निरीक्षक बिट्टू सिंह के नेतृत्व में निगम का सफाई अमला मौके पर पहुंचा। खाली प्लाट में डंप कचरा उठाना शुरू किया। सुबह 11 बजे तक कुल आठ ट्राली और दो डंपर कचरा और गोबर उठाकर लोहिया नगर प्लांट पहुंचाया। माधवपुरम सेक्टर एक और तीन में सफाई कर्मचारियों ने झाड़ू लगाई। पं¨पग सेट से ग्रीन बेल्ट से गंदा पानी निकाला। सुबह करीब 10 बजे सहायक नगर आयुक्त इंद्र विजय, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेंद्र सिंह, जलकल के सहायक अभियंता सुशील कुमार, डिपो प्रभारी दिलशाद अभियान में पहुंचे।
ये समस्याएं भी आईं सामने
ग्रीन बेल्ट का आधा हिस्सा रखरखाव के चलते उजड़ गया है।
सेक्टर तीन में सीवर लाइन चोक है। मैनहोल के पास ओवरफ्लो हो रही है।
माधवपुरम के नाले-नालियों की सफाई नहीं हुई है। सभी चोक हैं।
ग्रीन बेल्ट में लगी हाई मास्ट लाइट कई साल से खराब पड़ी है।
सफाई कर्मचारी पर्याप्त नहीं हैं। मोहल्लों में कभी-कभार झाड़ू लगती है।
माधवपुरम कचरे से अटा है। गंदगी से जीना मुहाल है। चाहे जितनी शिकायत कर लो, निगम अफसरों को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
शिवशंकर, स्थानीय नागरिक
माधवपुरम में दो ही समस्याएं हैं। एक कचरे की गंदगी और दूसरा जलभराव। दोनों ही समस्याएं नगर निगम ने पैदा की हैं।
दिनेश, स्थानीय नागरिक
नगर निगम अधिकारी सुबह सफाई के निरीक्षण पर नहीं आते। निगम अफसर इस क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं।
आकाश, स्थानीय नागरिक
थक चुकी हूं शिकायत करते-करते। माधवपुरम को निगम अधिकारियों ने दूसरा गांवड़ी बना दिया है। कई वाडरें का कचरा यहां खाली प्लाट में डंप होता है। नगर आयुक्त भी चार महीने से दूसरे स्थान पर कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन का प्लान ही बना रहे हैं।
शिखा सिंघल, पार्षद, वार्ड 48
माधवपुरम को कचरे व नाले के गंदे पानी से जल्द निजात दिलाने की कोशिश की जाएगी। सेक्टर एक में आवास विकास परिषद के खाली प्लाट बड़ी समस्या हैं तो सेक्टर दो और चार नगर निगम को हैंडओवर नहीं है। आवास विकास परिषद के अधिकारियों से भी बात की जाएगी।
इंद्र विजय, सहायक नगर आयुक्त