माता शाकंभरी जयंती : आज ही लिया था मां शाकंभरी ने अवतार, जानिए क्या है मान्यता
माता शाकंभरी की जयंती पौष मास की पूर्णिमा को मां शाकम्भरी का प्राकट्य हुआ था। मार्कंडेय पुराण के अनुसार इस दिन माता शाकंभरी की जयंती मनाई जाती है। मां दुर्गा ने मानव कल्याण के लिए शाकंभरी रूप धारण किया था।
सहारनपुर, जेएनएन। पौष मास की पूर्णिमा को मां शाकंभरी ने अवतार लिया था। पौष मास की पूर्णिमा को मां शाकम्भरी का प्राकट्य हुआ था। मार्कंडेय पुराण के अनुसार, इस दिन माता शाकंभरी की जयंती मनाई जाती है। मां दुर्गा ने मानव कल्याण के लिए शाकंभरी रूप धारण किया था।
इसलिए लिया था अवतार
राक्षसों के आतंक से कई वर्षों तक सूखा एवं अकाल पड़ा। तब शाकम्भरी देवी ने अवतार लिया। भक्तों का यह हाल देखकर देवी की हजारों आंखों से नौ दिनों तक लगातार आंसुओं की बारिश हुई, जिससे पूरी पृथ्वी पर हरियाली छा गई। देवी ने कृपा कर शाक, फल एवं वनस्पतियों को प्रकट किया। इसलिए उनका नाम शाकंभरी प्रसिद्ध हुआ।
पौष मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शाकंभरी नवरात्र का आरंभ होता है, जो पौष पूर्णिमा पर समाप्त होता है। इस दिन शाकंभरी जयंती का पर्व मनाया जाता है।
मान्यता के अनुसार इस दिन असहायों को अन्न, शाक (कच्ची सब्जी), फल व जल का दान करने से अत्यधिक पुण्य की प्राप्ति होती हैं व देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं।