मुजफ्फरनगर में बोले गीतकार और राइटर एएम तुराज-फिल्म इंडस्ट्री में आने वाला समय वेब सीरीज का
मुजफ्फरनगर के जानसठ में अपने पैतृक गांव संभलहेडा में ईद मनाने आए एएम तुराज ने फिल्मों अपनी जगह पाने के लिए बहुत संघर्ष किया। पढ़ाई के बाद तुराज 2002 में अपने गांव से मुंबई फिल्मों में काम करने के लिए गए थे। उन्होंने बहुत संघर्ष किया है।
नवनीत कांबोज, मुजफ्फरनगर। जिंदगी नाकामियों के नाम हो, इससे पहले कोई अच्छा काम हो जाए। इस शेर को लिखने वाले जाने माने गीतकार व राइटर एएम तुराज मानते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में आने वाला समय वेब फिल्मों का है, लेकिन इस पर सेंसर बोर्ड के नियम लागू होने चाहिए ताकि समाज को स्वच्छ व अच्छी फिल्मे मिल सकें। इससे समाज में गलत संदेश न जा सके। पद्यमावत व बाजीराव मस्तानी जैसी फिल्मों के गीतकार व सेंसर बोर्ड के सदस्य एएम तुराज ने बेबाकी से फिल्म इंडस्ट्री पर अपनी राय दी।
किया बहुत संघर्ष
मुजफ्फरनगर के जानसठ में अपने पैतृक गांव संभलहेडा में ईद मनाने आए एएम तुराज ने फिल्मों अपनी जगह पाने के लिए बहुत संघर्ष किया। पढ़ाई के बाद तुराज 2002 में अपने गांव से मुंबई फिल्मों में काम करने के लिए गए थे। वहां पर कई साल यूं ही गंवाने के बाद से उन्हें टीवी सीरियलों में डायलाग लिखने का काम मिला। एकबारगी उन्हें लगा कि शायद उन्हें लाइन मिल गई, लेकिन उसके बाद भी कई साल तक वह फिल्मों में जगह पाने के लिए संघर्ष करते रहे। बाद में 2005 में उन्हें पहली फिल्म कुडिय़ों का है जमाना में गाने लिखने का मौका मिला। गाने ठीक से चले तो उन्हें काम मिलने लगा।
ऐसा रहा सफर
उनकी चाह थी कि वह बड़े बैनर के साथ काम करना शुरू करें। बाद में 2009 में उन्हें संजय लीला भंसाली के साथ काम करने और फिल्म पद्यमावत में गाने लिखने का मौका मिला। फिल्म विवादों में रही, लेकिन हिट रही। साथ ही फिल्म के गाने बहुत प्रसिद्ध हो गए। खास तौर पर उन्हें घूमर गाने के लिए बहुत सराहा गया उसके बाद उन्होंने बाजीराव मस्तानी, बदला, वजीर, सर्वजीत, गुजारिश व चक्रव्यूह समेत करीब 43 फिल्मों में एएम तुराज ने गाने लिखे। चार फिल्मों की स्टोरी व डायलाग भी उन्होंने लिखे हैं। प्रसिद्धि मिलने के साथ उनका समय बहुत ही व्यस्त होता गया। उनकी आने वाली फिल्म गंगुबाई है, जबकि हॉट स्टार डिजनी पर उनकी फिल्म दॉ एम्पायर अगस्त में रिलीज होगी। यह एक वेब फिल्म होगी और इस फिल्म की स्टोरी, डायलोग व गाने सभी उनके लिखे हुए हैं।
युवाओं के लिए कड़े संघर्ष का प्लेटफार्म
उन्होंने ग्लैमर की दुनिया की चकाचौंध में आने के लिए कड़े संघर्ष करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि पूरे देश की प्रतिभा मुंबई में आती है। बहुत कड़ा संघर्ष है। उसके बाद ही किसी किसी को फिल्मों में जगह मिलती है। अब इंडस्ट्री युवाओं को अपने आप लेती है। आप में टेलेंट हो तो अपना टेलेंट यूटयूब पर डालिए। अब वहां से आप को काम अपने आप मिलेगा। इसके लिए जरूरी नहीं कि आप मुंबई में आकर ही संघष्र् करे। आज का सोशल मीडिया का जमाना है। आप सोशल मीडिया से एक बार लोगों की निगाह पर चढ़े तो फिर आप के लिए काम ही काम है।
गांव की प्रतिभाओं को निखरने दे अभिभावक
उन्होंने कहा कि गांव में बहुत प्रतिभाएं छिपी हैं। लेकिन वह बाहर तक नहीं आ पाती। कई बार घर के लोग की उनके खिलाफ हो जाते हैं। जबकि, ऐसा नहीं होना चाहिए। बच्चों में जो भी प्रतिभा है उसे बाहर निकालए। हो सकता है वही उसका कैरियर बनने में सहायक सिद्ध हो। उन्होंने युवाओं को भी कहा कि इस इंडस्ट्री में कोई किसी को नहीं ले जा सकता है। आप की प्रतिभा ही आप को कामयाब कर सकती है।
कोरोना वैक्सीन पर भ्रम न फैलाएं
उन्होंने सभी से अपील की है कि कोरोना की वैक्सीन पर कोई भ्रम न फैलाएं। उन्होंने अपनी वैक्सीन लगा ली है। सभी को वैक्सीन लगानी चाहिए। कोरोना ने देश के उद्योगों को चौपट कर दिया है उसमें फिल्म इंडस्ट्रीज भी है। देश की भलाई की खातिर सभी वैक्सीन लगाए ताकि कोरोना को देश से भगाया जा सके।
नहीं मिले नवाजुद्दीन से
उन्होंने कहा कि मुंबई ग्लैमर की दुनिया है। वहां सब अपने आप में मस्त हैं। उन्होंने अमिताभ बच्चन जैसे स्टार की फिल्मों के लिए गाने लिखे हैं, लेकिन वह अपने ही जिले के नवाजुद्दीन से आज तक मुंबई में नहीं मिले है। यहां पर हर कोई अपने ही टेलेंट से आता है। कोई किसी को प्रमोट नहीं करता है। इसके लिए कड़ी मेहनत की जरूरत है। तभी आप फिल्मों में अपनी जगह बना सकते है।