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LPG Gas Cylinder: अब स्मार्ट होगा गैस सिलेंडर का लाक, रुकेगी गैस की चोरी; ऐसे करेगा काम

एमआइईटी के इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन के विभागाध्यक्ष डा. अमित आहूजा ने बताया कि इस डिवाइस को बनाने और पेटेंट कराने में एक साल लग गया। इस लाक की लागत ढाई सौ रुपये है। बड़ी संख्या में तैयार करने पर यह घटकर 150 से 200 रुपये के बीच आ जाएगी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 10:31 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 10:46 PM (IST)
LPG Gas Cylinder: अब स्मार्ट होगा गैस सिलेंडर का लाक, रुकेगी गैस की चोरी; ऐसे करेगा काम
स्मार्ट लाक तैयार करने वाले विद्यार्थी नितिन, अक्षिता, विभागाध्यक्ष अमित आहूजा और छात्र दीपांशु शर्मा (बाएं से दाएं)। जागरण

विवेक राव, मेरठ। रसोई गैस सिलेंडर से गैस चोरी की शिकायत अक्सर सुनने को मिलती है। कभी आरोप डिलीवरी मैन पर लगता है तो कभी गैस एजेंसी प्रबंधन ही शक के दायरे में होता है। दोनों ही स्थितियों में नुकसान उपभोक्ता का ही होता है। आरोपों पर ठोस कार्रवाई भी नहीं होती। बहरहाल, हर घर से जुड़ी इस परेशानी को दूर करने के लिए सार्थक प्रयास सामने आया है। एमआइईटी (मेरठ इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी) के छात्रों ने एंटी थेफ्ट एलपीजी स्मार्ट लाक तैयार किया है। इसको सिलेंडर पर लगाने के बाद उपभोक्ता ही इसे खोल पाएंगे। इससे गैस चोरी रुक जाएगी। इस स्मार्ट लाक का पेटेंट हो चुका है। इसके उपयोग के लिए अब गैस कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है।

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ऐसे काम करेगा स्मार्ट लाक : गैस फिलिंग स्टेशन में सिलेंडर पर बारकोड व एंटी थेफ्ट एलपीजी स्मार्ट लाक लगाया जाएगा। डिलीवरी के समय डिलीवरी मैन को सिलेंडर पर अंकित बारकोड को स्कैन करना होगा। स्कैन करते ही उपभोक्ता के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा, यही गैस सिलेंडर के स्मार्ट लाक का पासवर्ड होगा। लाक खोलने के बाद उभोक्ता इसे डिलीवरी मैन को वापस कर देगा। ऐसी स्थिति में उपभोक्ता से पहले कोई भी सिलेंडर को नहीं खोल पाएगा, गैस चोरी की आशंका खत्म हो जाएगी।

इन्होंने तैयार किया है एंटी थेफ्ट लाक: एमआइईटी के इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन के छात्र नितिन श्रीवास्तव, दीपांशु शर्मा,अक्षिता त्यागी ने विभागाध्यक्ष डा. अमित आहूजा के मार्गदर्शन में एंटी थेफ्ट एलपीजी स्मार्ट लाक तैयार किया है। इसके लिए छात्रों को उत्तर प्रदेश कांउसिल आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी से फंड भी मिला। संस्थान इसके उपयोग के लिए रिलायंस, इंडेन, भारत गैस, आदि कंपनियों से संपर्क भी कर रहा है।

मेरठ गैस एजेंसी के संचालक वैभव ने कहा- गैस सिलेंडर पर इस तरह का कोई लाक लग जाए तो बहुत ही अच्छा रहेगा। हम लोग तो चाहते हैं कि ग्राहक को पूरी गैस मिले और गैस कम होने की शिकायत पूरी तरह खत्म हो जाए। गृहिणी पूनम शर्मा ने भी इसे बेहतरीन पहल बताया है। कहा-अगर ऐसा लाक लग जाए कि उपभोक्ता से पहले सिलेंडर को कोई खोल नहीं सके तो इससे अच्छी कोई बात ही नहीं हो सकती है।

इंडियन आयल के एलपीजी सेल्स के क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव गर्ग ने बताया कि गैस कम होने की शिकायतें मिलती रहती हैं। यहां जिस तरह के लाक के बारे में बताया जा रहा है, वह हाईटेक है। सिलेंडर कई जगह से होकर उपभोक्ता तक पहुंचता और लौटता है। लाक खराब न होने पाए, इसे भी देखना होगा। चीज तो अच्छी है। हालांकि, ट्रायल के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।


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