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Rapid Rail News: दिल्ली मेट्रो से सीख, रैपिड रेल के प्लेटफार्म के दरवाजे रोकेंगे आत्‍महत्‍या की घटनाएं

Rapid Rail News यह एक बड़ी कवायद है रैपिड रेल के प्‍लेटफार्म पर बने दरवाजे सुसाइड की घटनाओं को रोक सकेंगे। रीजनल रैपिड रेल कारिडोर के सभी स्टेशनों पर रहेगा प्लेटफार्म स्क्रीन डोर। रेल के आने के साथ प्लेटफार्म के दरवाजे खुलेंगे जाने के साथ ही बंद हो जाएंगे।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 12:30 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 12:30 PM (IST)
Rapid Rail News: दिल्ली मेट्रो से सीख, रैपिड रेल के प्लेटफार्म के दरवाजे रोकेंगे आत्‍महत्‍या की घटनाएं
रैपिड रेल के प्‍लेटफार्म पर आत्‍महत्‍या की घटनाओं को रोका जा सकेगा।

प्रदीप द्विवेदी, मेरठ। देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) में बहुत सी विशेषताओं के साथ ही सामाजिक सुरक्षा का भी खास ध्यान रखा गया है। इसके प्लेटफार्म ऐसे बनाए जाएंगे जिससे कोई भी व्यक्ति प्लेटफार्म से रेल पटरी पर नहीं कूद सकेगा। उसके सभी प्लेेटफार्म पर प्लेटफार्म स्क्रीन डोर लगेंगे। दरअसल, रेल आती देखकर उसके सामने कूदकर जान देने वाली घटनाएं अक्सर स्टेशनों पर होती रहती हैं, इन सबको देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने अपने सभी प्लेटफार्मों को सुरक्षित रखने की योजना बना ली थी।

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कई घटनाएं पहले हो चुकी हैं

रैपिड रेल को दिल्ली मेट्रो का ही उन्नत रूप माना जाता है। दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशनों के प्लेटफार्म से ट्रेन के आगे कूदकर जान देने की घटनाएं हो चुकी हैं। दिल्ली मेट्रो की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2014 से 2018 के बीच 80 लोगों ने जान दी थी। इसके बाद दिल्ली मेट्रो के स्टेशनों पर उपाय शुरू हुए तो 2018 के बाद घटनाएं कम हो गईं। इसमें सबसे बड़ा उपाय था प्लेटफार्म स्क्रीन डोर। साथ ही पीली रेखा व गार्ड की तैनाती।

ऐसे राकेंगे घटनाएं

हालांकि अभी भी दिल्ली मेट्रो के सभी स्टेशनों पर यह डोर नहीं लगाए जा सके हैं। इसकी विशेषता यह होती है कि ये पटी के किनारे प्लेटफार्म पर लगाए जाते हैं तो कि शीशे के होते हैं। ये ट्रेन आने के साथ खुलते हैं और जाने के साथ ही बंद हो जाते हैं। इससे कोई प्लेटफार्म से आगे यानी पटरी पर नहीं जा सकता। इसकी ऊंचाई करीब छह फीट होती है इसलिए कोई उससे छलांग भी नहीं लगा सकता।

इनका कहना है

आरआरटीएस कारिडोर के सभी स्टेशनों के प्लेटफार्म पर प्लेटफार्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाए जाएंगे। इससे दूसरे प्लेटफार्म की तरफ आसानी से देखा जा सकता है, लेकिन कोई पटरी की तरफ नहीं जा सकता। पीएसडी का ट्रायल भी कर लिया गया है। ये मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी तकनीक से बनाए गए हैं।

- पुनीत वत्स, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, एनसीआरटीसी 


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