विधायकों ने कराए भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन, सपाई रहे बाहर
गुरुवार को पंचायत चुनाव के नामांकन का अंतिम दिन था।
मेरठ, जेएनएन। गुरुवार को पंचायत चुनाव के नामांकन का अंतिम दिन था। जिला पंचायत सदस्य पद के भाजपा समर्थित प्रत्याशियों के साथ भाजपा के क्षेत्रीय विधायक पहुंचे। उनके साथ बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की भीड़ भी नामांकन केंद्र के भीतर तक गई। विधायकों ने खुद नामांकन केंद्र के भीतर खड़े होकर अपने प्रत्याशियों के नामांकन पत्र दाखिल कराए। दक्षिण विधायक सोमेंद्र तोमर, सरधना विधायक संगीत सोम, हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक तथा सिवालखास विधायक जितेंद्र सतवई ने प्रत्याशियों के साथ पहुंचकर नामांकन पत्र दाखिल कराए।
सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर, जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह के साथ तमाम पार्टी पदाधिकारी भी जिला पंचायत के सदस्य पद पर सपा समर्थित प्रत्याशियों के साथ नामांकन पत्र जमा कराने कलक्ट्रेट तक पहुंचे लेकिन नामांकन केंद्र तक वे नहीं जा सके। उन्हें बाहर ही पेड़ के नीचे बैठकर प्रत्याशी के वापस आने का इंतजार करना पड़ा।
एडीएम प्रशासन कोर्ट में रहे कोरोना से बचाव के मजबूत इंतजाम: कोरोना संक्रमण का खौफ नामांकन केंद्रों में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों में भी साफ दिखाई दिया। लेकिन इससे बचाव के उपाय केवल एडीएम प्रशासन कार्यालय में बने नामांकन केंद्र में ही दिखाई दिए। यहां एआरओ के रूप में तैनात उप श्रम आयुक्त तथा उनकी टीम मास्क, फेस मास्क, गलब्स, सिर पर कैप आदि पहने थी। शारीरिक दूरी के लिए कोर्ट रूम में रस्सी बांधकर प्रत्याशी तथा उसके प्रस्तावक को काफी दूर पर ही रोक दिया गया था। पंचायत चुनाव के निर्वाचन अधिकारी (आरओ) एडीएम प्रशासन और उनके कार्यालय के स्टाफ ने भी आज कोरोना संक्रमण से बचाव के उक्त उपायों का पालन किया।
प्रधान, सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्य पैदल करेंगे प्रचार: चुनाव प्रचार तथा मतदान के दिन मतदान केंद्रों के भ्रमण के लिए ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य तथा क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशियों को कोई वाहन नहीं मिलेगा। उन्हें पैदल ही चुनाव प्रचार करना होगा तथा मतदान के दिन मतदान केंद्रों पर घूमना होगा। राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के आधार पर पंचायत चुनाव के उप जिला निर्वाचन अधिकारी सीडीओ शशांक चौधरी ने प्रत्याशियों को वाहनों की अनुमति के संबंध में उक्त दिशा निर्देश जारी किए हैं। आदेश के मुताबिक जिला पंचायत सदस्य पद का क्षेत्र बड़ा होता है लिहाजा प्रत्याशी को प्रचार के लिए तथा मतदान के दिन मतदान केंद्रों के भ्रमण के लिए एक वाहन की अनुमति प्रदान की जाएगी। इस वाहन को उक्त प्रत्याशी के निर्वाचन अभिकर्ता भी प्रचार हेतु उपयोग कर सकेंगे। इसी के साथ दिव्यांग प्रत्याशियों को भी चुना प्रचार करने तथा मतदान के लिए मतदान केंद्र तक जाने के लिए एक वाहन की अनुमति होगी।
चुनाव दूसरे जिले में, बंद रहेंगी मेरठ में शराब की दुकानें : चुनाव में सबसे ज्यादा समस्या और परेशानी शराब की दुकानों को झेलनी पड़ रही है। आबकारी आयुक्त द्वारा पंचायत निर्वाचन को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। जिनके आधार पर जिलाधिकारी के बालाजी मे जनपद के लिए आदेश जारी किया है। आदेश जनपद की सीमा से सटे जनपदों में मतदान के दौरान के समय की व्यवस्था को लेकर है। जिलाधिकारी के बालाजी के आदेश के मुताबिक प्रथम चरण में मेरठ से जनपद गाजियाबाद में, दूसरे चरण में 19 अप्रैल को मुजफ्फरनगर और बागपत जनपद में तथा चतुर्थ चरण में हापुड़ जनपद में मतदान होगा। मतदान खत्म होने की तिथि से 48 घंटे पहले से ही जनपद की सीमा के भीतर 8 किमी की दूरी तक स्थित शराब की दुकानों को बंद कर दिया जाएगा। ताकि चुनाव प्रभावित करने के लिए मतदाताओं को शराब न बांटी जा सके। इस बंदी के बदले में लाइसेंसी को कोई छूट भी नहीं मिलेगी।