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अब खेल में नहीं हो सकेगा उम्र का 'खेल', एथलीट्स का बायां हाथ खोलेगा उम्र का राज Meerut News

एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने खिलाड़ियों का बोन टेस्टिंग शुरू कराया है। उम्र घटाकर कम उम्र वाली प्रतिस्पर्धा में शामिल होकर पदक लपकने वाले एथलीट अब ऐसा नहीं कर सकेंगे।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 01:50 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 02:30 PM (IST)
अब खेल में नहीं हो सकेगा उम्र का 'खेल', एथलीट्स का बायां हाथ खोलेगा उम्र का राज Meerut News
अब खेल में नहीं हो सकेगा उम्र का 'खेल', एथलीट्स का बायां हाथ खोलेगा उम्र का राज Meerut News

मेरठ, [अमित तिवारी]। खेल में उम्र को लेकर ‘खेल’ करने वालों के दिन अब लद चुके हैं। उम्र घटाकर कम उम्र वाली प्रतिस्पर्धा में शामिल होकर पदक लपकने वाले एथलीट अब ऐसा नहीं कर सकेंगे। एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआइ) की ओर से खिलाड़ियों की बोन टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले रहे खिलाड़ियों के बांये हाथ और कलाई का एक्सरे लिया जा रहा है। इसी के जरिए खिलाड़ियों की उम्र की पहचान होगी। अधिक उम्र के खिलाड़ी अगर आयु कम करके खेलते मिले तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

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प्रोटोकाल जारी, रहेगा हर विवरण

एएफआइ ने खिलाड़ियों के बायें हाथ और कलाई का एक्सरे कराने के लिए प्रोटोकाल जारी किया है। साथ ही इस प्रक्रिया को पूरा करने के फार्म भी जारी कर एथलेटिक्स संगठनों को भेज दिए गए हैं। डिजिटल एक्सरे सुविधा वाले केंद्र में खिलाड़ियों के बांये हाथ और पंजे के दो इंच ऊपर तक कलाई का एक्सरे लिया जाएगा। एक्सरे तस्वीर के साथ रिपोर्ट में खिलाड़ियों का सही नाम और जन्मतिथि लिखी होगा। इसके साथ ही खिलाड़ी की व्यक्तिगत जानकारी और उनका कंसेंट फार्म भी होगा। इसके अलावा लंबाई, वजन के साथ जन्म प्रमाण-पत्र व आधार कार्ड देना होगा।

जूनियर एथलीट्स के लिए अनिवार्य

एथलेटिक्स में बोन टेस्टिंग की शुरुआत होने से सभी छोटे खिलाड़ियों को इसमें शामिल किया जा रहा है, लिहाजा इस प्रक्रिया को सभी जूनियर खिलाड़ियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। खिलाड़ी के स्वीकृति-पत्र के अलावा रेडियोलॉजी टेस्ट रिपोर्ट, एक्सरे की फाइं¨डग्स और एथलीट का प्रोफाइल भी साथ होगा। प्रोफाइल में खिलाड़ी से संबंधित सभी व्यक्तिगत जानकारियां होंगी, जिसे फेडरेशन के रिकॉर्ड में भी रखा जाएगा।

ग्रूलिक व पाइल मेथड से होगी जांच

खिलाड़ियों की बोन टेस्टिंग ग्रूलिक एंड पाइल मेथड से किया जाएगा। इसमें हाथ के एक्सरे में उम्र के अनुरूप हड्डियों के बढ़ने के क्रम को देखा जाता है। इससे उम्र का लगभग सटीक अनुमान हो जाता है। विदेशों में एक्सरे के बाद अब डिजिटल रेडियोलॉजी मशीनों में मौके पर ही सारी रिपोर्ट देख ली जाती है। बालक-बालिका की अलग-अलग रिपोर्ट होगी। जांच के बाद अनुमानित आयु निकाली जा सकेगी, जो लगभग सटीक होगा।

इन्‍होंने बताया

छोटी उम्र के खिलाड़ियों के बीच यदि अधिक उम्र के खिलाड़ी दौड़ लगाएंगे तो उनका जीतना स्वाभाविक है। इससे छोटे बच्चे हताश होते हैं और परिजनों का भी खेल से विश्वास उठता है। अब बोन टेस्टिंग शुरू होने से खिलाड़ी अपने आयु वर्ग में ही प्रतिभाग कर सकेंगे। जिसमें हुनर होगा, वही आगे बढ़ेगा।

- अन्नू कुमार, सचिव, जिला एथलेटिक्स संघ 


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