लंकेश ने धोखे से किया सीते का हरण
शहर में हो रही रामलीलाओं में दर्शकों की भीड़ प्रतिदिन बढ़ रही है। सोमवार को सीता हरण रावण-जटायु युद्ध का मंचन हुआ।
मेरठ, जेएनएन। शहर में हो रही रामलीलाओं में दर्शकों की भीड़ प्रतिदिन बढ़ रही है। सोमवार को सीता हरण, रावण-जटायु युद्ध का मंचन हुआ।
भैंसाली मैदान में दिल्ली के काया कला केंद्र के 40 कलाकारों का समूह मंचन कर रहा है। दृश्य और श्रव्य तकनीकि से हो रहे मंचन में कलाकार सिर्फ अभिनय कर रहे हैं। नेपथ्य से पात्रों के संवाद बोले जा रहे हैं। संयुक्त व्यापार संघ के उपाध्यक्ष नीरज मित्तल, महामंत्री गणेश अग्रवाल, पवन गर्ग, अंकित गुप्ता, नरेंद्र कुमार सिंघल, संदीप गोयल आदि मौजूद रहे।
बुढ़ाना गेट सनातन धर्म धर्मेश्वर महादेव मंदिर के परिसर में हो रही रामलीला में सीता हरण के प्रसंग के दौरान लक्ष्मण रेखा को पार करने का दृश्य में कलाकारों का अभिनय देखने लायक रहा। मीडिया प्रभारी राजीव गुप्ता, जीतेंद्र मणि, अपार मेहरा आदि मौजूद रहे।
प्रशासन ने मेले के आयोजन की अनुमति को मना किया
जेल चुंगी रामलीला कमेटी के मीडिया प्रभारी अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि प्रशासन ने दशहरा के दिन छोटे पुतले के दहन की अनुमति दी है। मेले की अनुमति देने से इंकार किया है। यहां पर स्थानीय निवासी रामलीला के पात्रों की भूमिका निभा रहे हैं।
रामलीला के मंचन में सोमवार को कलाकारों ने श्रीराम-सुग्रीव मिलन तथा बाली वध लीला का मंचन किया।
सोमवार को रामलीला का शुभारंभ समाजसेवी अनिल चौधरी ने श्रीराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया। लीला में दिखाया गया कि श्रीराम-लक्ष्मण माता सीता की खोज में ऋषिमुख पर्वत पर पहुंचे। राम-लक्ष्मण के वहां पहुंचने पर सुग्रीव और उनकी सेना में भय का माहौल उत्पन्न हो जाता है। सुग्रीव ने हनुमान जी को प्रभु राम और लक्ष्मण के बारे में जानकारी लेने के लिए वन में भेजा। हनुमान जी को जब पता चलता है कि वन में घूम रहे दोनों धनुषधारी श्रीराम और लक्ष्मण हैं तो वह दोनों को अपने कंधों पर बैठाकर सुग्रीव के पास लाकर मुलाकात कराते हैं। राम व सुग्रीव में मित्रता हो जाती है। राम अपने मित्र सुग्रीव को उनका राजपाठ दिलाने व सुग्रीव सीता की खोज में प्रभु राम की मदद करने का वादा करते हैं।
कमेटी संस्थापक समाजसेवी पुरुषोत्तम उपाध्याय, अंकित कश्यप, मास्टर सुंदर सिंह, कैप्टन नरवीर सिंह, कल्लू चेयरमैन, प्रदुमन जैन आदि मौजूद थे।