राम मंदिर के लिए दिल्ली में उमड़ेगा जनसैलाब, भगवा पताका लिए पहुंचेंगे लाखों कार्यकर्ता
मेरठ के माधवकुंज में संघ की समन्वय बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि नौ दिसंबर को नई दिल्ली में धर्मसभा होगी जिसमें साढ़े तीन लाख कार्यकर्ता शामिल होंगे।
By Ashu SinghEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 12:09 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 12:09 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। राम मंदिर को लेकर संघ ने खुला ऐलान कर दिया है। भाजपा, विहिप समेत 20 अनुषांगिक संगठनों के साथ समन्वय बैठक में संघ ने दो टूक कहा कि अब मंदिर से कम पर किसी स्थिति में समझौता नहीं होगा। मेरठ के माधवकुंज में गुरुवार को मेरठ प्रांत की बैठक में संघ ने आगाह किया कि अब हिन्दू समाज के सब्र का इम्तिहान न लिया जाए। नौ दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित धर्मसभा में भगवा पताका के साथ साढ़े तीन लाख कार्यकर्ता पहुंचेंगे।
कोर्ट ने दुखाया हिन्दुओं का दिल
समन्वय बैठक में प्रांत प्रचारक धनीराम ने कहा कि राम मंदिर विषय पर सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्टूबर से होने वाली सुनवाई को बिना कारण टाल दिया, जिससे हिन्दू समाज में गुस्सा है। कहा, कोर्ट समलैंगिकों, आतंकी अफजल गुरु व कसाब के लिए देर रात सुनवाई कर सकता है। नक्सलियों के बचाव में डाली गई याचिकाओं को प्राथमिकता के आधार पर सुनता है, लेकिन उसके पास राम मंदिर को सुनने का वक्त नहीं है। सात साल से यह मामला टल रहा है, लिहाजा सरकार अध्यादेश के जरिए राम मंदिर बनाने की पहल करे।
योगी सरकार के छह मंत्री भी पहुंचे
योगी सरकार में मंत्री चेतन चौहान, सुरेश राणा, अतुल गर्ग, गुलाबो देवी, बलदेव औलख, धर्म सिंह सैनी, क्षेत्रीय प्रभारी विजय बहादुर पाठक, क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्विनी त्यागी, संगठन मंत्री अजेय कुमार, विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, पंकज सिंह, संगीत सोम, विहिप के सुदर्शन चक्र, गोपाल शर्मा, अखिलानंद, बलराज डूंगर, हिन्दू जागरण मंच के योगी जयनाथ, हितेश कुमार, प्रवेश शेखावत समेत 50 से ज्यादा विधायक एवं आधा दर्जन सांसद कार्यक्रम में रहे।
77 बार हो चुका संघर्ष, अब जीत जरूरी
धनीराम ने कहा कि इंदिरा गांधी के चुनाव का मसला सुप्रीम कोर्ट में था, तब भी संसद से अपने पक्ष में कानून बनवाकर मुकदमा जीता। कहा कि 1528 से 2018 तक 77 बार हिन्दू समाज मंदिर पाने के लिए संघर्ष कर चुका है। इस दिशा में अयोध्या, नागपुर एवं बेंगलुरु में 25 नवंबर एवं दिल्ली के रामलीला मैदान में नौ दिसंबर को लाखों कार्यकर्ता अपनी भावना का प्रदर्शन करेंगे। मेरठ प्रांत से 5571 बसों में करीब 3.5 लाख कार्यकर्ता ऊं एवं जयश्रीराम लिखी पताकाओं के साथ दिल्ली पहुंचेंगे। किसी पार्टी का झंडा नहीं होगा, सिर्फ भारत माता एवं जयश्रीराम के नारे सुनाई देंगे। उधर, क्षेत्र संघचालक सूर्यप्रकाश टांक ने समापन सत्र में कहा कि राष्ट्रीय गौरव की बहाली के लिए मंदिर निर्माण जरूरी है। प्रांत संघचालक मनवीर सिंह, कार्यवाह फूल सिंह, सह प्रांत प्रचारक कर्मवीर समेत 27 जिलों के संघचालक मौजूद थे।
कोर्ट ने दुखाया हिन्दुओं का दिल
समन्वय बैठक में प्रांत प्रचारक धनीराम ने कहा कि राम मंदिर विषय पर सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्टूबर से होने वाली सुनवाई को बिना कारण टाल दिया, जिससे हिन्दू समाज में गुस्सा है। कहा, कोर्ट समलैंगिकों, आतंकी अफजल गुरु व कसाब के लिए देर रात सुनवाई कर सकता है। नक्सलियों के बचाव में डाली गई याचिकाओं को प्राथमिकता के आधार पर सुनता है, लेकिन उसके पास राम मंदिर को सुनने का वक्त नहीं है। सात साल से यह मामला टल रहा है, लिहाजा सरकार अध्यादेश के जरिए राम मंदिर बनाने की पहल करे।
योगी सरकार के छह मंत्री भी पहुंचे
योगी सरकार में मंत्री चेतन चौहान, सुरेश राणा, अतुल गर्ग, गुलाबो देवी, बलदेव औलख, धर्म सिंह सैनी, क्षेत्रीय प्रभारी विजय बहादुर पाठक, क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्विनी त्यागी, संगठन मंत्री अजेय कुमार, विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, पंकज सिंह, संगीत सोम, विहिप के सुदर्शन चक्र, गोपाल शर्मा, अखिलानंद, बलराज डूंगर, हिन्दू जागरण मंच के योगी जयनाथ, हितेश कुमार, प्रवेश शेखावत समेत 50 से ज्यादा विधायक एवं आधा दर्जन सांसद कार्यक्रम में रहे।
77 बार हो चुका संघर्ष, अब जीत जरूरी
धनीराम ने कहा कि इंदिरा गांधी के चुनाव का मसला सुप्रीम कोर्ट में था, तब भी संसद से अपने पक्ष में कानून बनवाकर मुकदमा जीता। कहा कि 1528 से 2018 तक 77 बार हिन्दू समाज मंदिर पाने के लिए संघर्ष कर चुका है। इस दिशा में अयोध्या, नागपुर एवं बेंगलुरु में 25 नवंबर एवं दिल्ली के रामलीला मैदान में नौ दिसंबर को लाखों कार्यकर्ता अपनी भावना का प्रदर्शन करेंगे। मेरठ प्रांत से 5571 बसों में करीब 3.5 लाख कार्यकर्ता ऊं एवं जयश्रीराम लिखी पताकाओं के साथ दिल्ली पहुंचेंगे। किसी पार्टी का झंडा नहीं होगा, सिर्फ भारत माता एवं जयश्रीराम के नारे सुनाई देंगे। उधर, क्षेत्र संघचालक सूर्यप्रकाश टांक ने समापन सत्र में कहा कि राष्ट्रीय गौरव की बहाली के लिए मंदिर निर्माण जरूरी है। प्रांत संघचालक मनवीर सिंह, कार्यवाह फूल सिंह, सह प्रांत प्रचारक कर्मवीर समेत 27 जिलों के संघचालक मौजूद थे।
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