यूपी टीईटी में मूल प्रमाणपत्र न होने से सैकड़ों परीक्षा से वंचित
गौरतलब है कि परीक्षा केंद्रों पर 45 मिनट पहले परीक्षार्थियों को बुलाया गया था। कई सेंटरों पर 10:00 बजे गेट खुलने की वजह से अफरा तफरी की स्थिति भी बनी।
जागरण संवाददाता, मेरठ। रविवार को यूपी टीईटी में बीएड का मूल प्रमाणपत्र न ले जाने की वजह से सैकड़ों अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित रहे।
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश शैक्षिक पात्रता परीक्षा यूपीटेट मेरठ में 49 सेंटरों पर आयोजित की गई। दो पालियों में 49 हजार अभ्यर्थी परीक्षा के लिए रजिस्टर्ड थे। कड़ी निगरानी के बीच सुबह 10:00 बजे से 12:30 बजे तक पहली पाली में प्राइमरी स्तर के अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। इस पाली के लिए 29 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। लेकिन विभिन्न वजहों के चलते जहां कई सेंटरों पर परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाए। वहीं कुछ सेंटरों पर उनके मूल प्रमाण पत्र नहीं होने की वजह से परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। दूसरी पाली 2:30 से 5:00 तक चलेगी जिस में 19619 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों को अपने साथ बीएड का मूल प्रमाण पत्र लेकर आना था बहुत से सेंटरों पर परीक्षार्थी मूल प्रमाण पत्र लेकर नहीं पहुंचे उन्हें परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। गौरतलब है कि परीक्षा केंद्रों पर 45 मिनट पहले परीक्षार्थियों को बुलाया गया था। कई सेंटरों पर 10:00 बजे गेट खुलने की वजह से अफरा तफरी की स्थिति भी बनी। इस बार टीईटी परीक्षा में सेंटर के गेट पर ही वीडियोग्राफी भी कराई गई । परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों के साथ साथ कक्ष निरीक्षक और अन्य किसी भी कर्मचारी को मोबाइल नोटबुक या कोई भी लगता निक डिवाइस लेकर आने की अनुमति नहीं दी गई थी। सेंटरों की रिपोर्ट के मुताबिक टीईटी में इस बार 65 फ़ीसदी महिला अभ्यर्थी सम्मिलित हुईं हैं।