इंतजार खत्म,जानिए आयोग की हरी झंडी के बाद कब से शुरू होगा नौचंदी मेला
चुनाव आयोग से हरी झंडी मिलने के बाद अब मेरठ के ऐतिहासिक नौचंदी मेले की तैयारियां शुरू हो जाएंगी और मई के पहले सप्ताह में इसके शुरू होने की उम्मीद है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 11:22 AM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 11:22 AM (IST)
मेरठ,जेएनएन। नौचंदी मेला कराने के लिए जिला पंचायत को निर्वाचन आयोग की अनुमति मिल गई है। अब इसके भव्य आयोजन की तैयारी है। मई के प्रथम सप्ताह में मेला विधिवत शुरू होने की उम्मीद है।
आचार संहिता से अटके टेंडर
परंपरानुसार 31 मार्च को नौचंदी मेले का औपचारिक उद्घाटन हो गया था,लेकिन चुनाव आचार संहिता की वजह से मेले की तैयारी से संबंधित टेंडर अटक गए थे। मेला परिसर में निर्माण से संबंधित टेंडर आचार संहिता से पहले खोल तो दिए गए थे,लेकिन जब उनके लिए वर्क ऑर्डर जारी होता तब आचार संहिता लग गई थी। इसलिए वर्क ऑर्डर भी जारी नहीं हो सका। ऐसे में मेला परिसर में कोई कार्य शुरू होना तो दूर साफ-सफाई तक नहीं हो सकी। सर्कस,झूला,तहबाजारी, पार्किंग आदि के लिए टेंडर वेबसाइट पर अपलोड तो हुए,लेकिन टेंडर खोले नहीं जा सके थे।
मेले को भव्य बनाने की तैयारी
निर्वाचन आयोग से मेला कराने के लिए अनुमति मांगी गई जो अब जाकर मिली है। अनुमति मिल जाने से मेले को भव्य बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। अप्रैल के अंतिम सप्ताह या मई के प्रथम सप्ताह तक मेला शुरू होगा। इससे पहले मेला परिसर में साफ-सफाई के साथ ही निर्माण कार्य पूरे किए जाएंगे। जल्द ही सर्कस, झूला, पार्किंग, तहबाजारी आदि के टेंडर अपलोड किए जाएंगे। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी प्रदीप कुमार सक्सेना ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग से अनुमति मिल गई है पर इसका पत्र जिला निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से मिलेगा। यहां से पत्र मिलते ही टेंडर अपलोड कर दिए जाएंगे।
तो सिर्फ 18 लाख ही कमा पाएगा जिला पंचायत
मेला आयोजन पर एक करोड़ 42 लाख रुपये खर्च होने का बजट रखा गया है। जबकि एक करोड़ 60 लाख रुपये कमाई का लक्ष्य है। इस तरह से जिला पंचायत को मेले से महज 18 लाख रुपये ही कमाई हो सकेगी।
मेला परिसर में फैली है गंदगी अतिक्रमण
नौचंदी मेला परिसर में गंदगी ही गंदगी दिखाई पड़ रही है। मेले का 31 मार्च को औपचारिक उद्घाटन हो जाने के बाद भी मैदान की सफाई नहीं कराई गई। अब मेला शुरू होने पर ही सफाई होने की उम्मीद है। मैदान में हर तरफ अतिक्रमण है। डेयरी वाले पशु यहीं बांध रहे हैं और डग्गामार वाहन यहीं खड़े होते हैं।
आचार संहिता से अटके टेंडर
परंपरानुसार 31 मार्च को नौचंदी मेले का औपचारिक उद्घाटन हो गया था,लेकिन चुनाव आचार संहिता की वजह से मेले की तैयारी से संबंधित टेंडर अटक गए थे। मेला परिसर में निर्माण से संबंधित टेंडर आचार संहिता से पहले खोल तो दिए गए थे,लेकिन जब उनके लिए वर्क ऑर्डर जारी होता तब आचार संहिता लग गई थी। इसलिए वर्क ऑर्डर भी जारी नहीं हो सका। ऐसे में मेला परिसर में कोई कार्य शुरू होना तो दूर साफ-सफाई तक नहीं हो सकी। सर्कस,झूला,तहबाजारी, पार्किंग आदि के लिए टेंडर वेबसाइट पर अपलोड तो हुए,लेकिन टेंडर खोले नहीं जा सके थे।
मेले को भव्य बनाने की तैयारी
निर्वाचन आयोग से मेला कराने के लिए अनुमति मांगी गई जो अब जाकर मिली है। अनुमति मिल जाने से मेले को भव्य बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। अप्रैल के अंतिम सप्ताह या मई के प्रथम सप्ताह तक मेला शुरू होगा। इससे पहले मेला परिसर में साफ-सफाई के साथ ही निर्माण कार्य पूरे किए जाएंगे। जल्द ही सर्कस, झूला, पार्किंग, तहबाजारी आदि के टेंडर अपलोड किए जाएंगे। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी प्रदीप कुमार सक्सेना ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग से अनुमति मिल गई है पर इसका पत्र जिला निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से मिलेगा। यहां से पत्र मिलते ही टेंडर अपलोड कर दिए जाएंगे।
तो सिर्फ 18 लाख ही कमा पाएगा जिला पंचायत
मेला आयोजन पर एक करोड़ 42 लाख रुपये खर्च होने का बजट रखा गया है। जबकि एक करोड़ 60 लाख रुपये कमाई का लक्ष्य है। इस तरह से जिला पंचायत को मेले से महज 18 लाख रुपये ही कमाई हो सकेगी।
मेला परिसर में फैली है गंदगी अतिक्रमण
नौचंदी मेला परिसर में गंदगी ही गंदगी दिखाई पड़ रही है। मेले का 31 मार्च को औपचारिक उद्घाटन हो जाने के बाद भी मैदान की सफाई नहीं कराई गई। अब मेला शुरू होने पर ही सफाई होने की उम्मीद है। मैदान में हर तरफ अतिक्रमण है। डेयरी वाले पशु यहीं बांध रहे हैं और डग्गामार वाहन यहीं खड़े होते हैं।
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