जन्माष्टमी पर खूब सजेंगी झांकी और फूटेगी मटकी, जानें शुभ मुहूर्त व रोहिणी नक्षत्र
Krishna Janmashtami Shubh Muhurat Time इस बार कान्हा के जन्मोत्सव की तैयारियां मंदिरों के अलावा कालोनी और शहर में जगह-जगह की जा रही हैं। कहीं रुई की झांकी की तैयारी हो रही है तो कहीं नाव की झांकी सजेगी। यहां तक कि कई जगह मटकी फोड़ प्रतियोगिता भी होगी।
जागरण संवाददाता, मेरठ। कोरोना काल में त्योहार मनाने के तरीकों में भले ही बदलाव देखने को मिल रहे हों, लेकिन पर्व की भावना में कोई बदलाव नहीं आया। महामारी के चलते पिछले साल जन्माष्टमी पर्व लोगों ने अपने घरों में ही मनाया था। लेकिन इस बार कान्हा के जन्मोत्सव की तैयारियां मंदिरों के अलावा कालोनी और शहर में जगह-जगह की जा रही हैं। कहीं रुई की झांकी की तैयारी हो रही है, तो कहीं नाव की झांकी सजेगी। यहां तक कि इस बार कई जगह मटकी फोड़ प्रतियोगिता भी होगी। हालांकि सभी जगह कोरोना से बचाव के नियम अपनाने की बात कही जा रही है।
जगह-जगह शुरू हुई कान्हा के जन्मोत्सव की तैयारियां
जन्माष्टमी पर्व पर बच्चे जगह-जगह भगवान कृष्ण के बाल रूप की झांकियां सजाते हैं। इस बार भी बच्चों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। यहां नाव पर कान्हा की झांकी सजेगी। साकेत स्थित श्री शिव मंदिर में इस बार जन्माष्टमी पर फूलों से मंदिर सजाने के साथ ही झांकी भी सजाई जाएगी। कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए एक बार में सीमित संख्या में ही भक्तों को झांकी देखने का मौका मिलेगा। कोरोना काल में इस बार जन्माष्टमी पर्व को सामान्य रूप से मनाने की तैयारी है। कान्हा के जन्मोत्सव के बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा। पिछले साल की तरह इस बार भी झांकी नहीं लगाई जाएगी। जन्माष्टमी पर बच्चों और युवाओं के लिए मटकी फोड़ प्रतियोगिता का खासा महत्व है। जिसे फोड़ने के लिए होड़ लगी रहती है। इस बार झांकी सजाने के साथ ही मटकी फोड़ कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा।
बाजारों में कान्हा की पोशाक और झूले छाये
रक्षाबंधन के बाद अब बाजारों और मंदिरों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी जोरों पर है। बाल गोपाल के जन्म के लिए नई पोशाक से लेकर हार सिंगार, मोर मुकुट, झूलों और सोफासेट से दुकानें जगमगा रही हैं। कान्हा की कई प्रकार की बांसुरी भी उपलब्ध है। वहीं, मंदिरों में भी गेंदे और गुलाब के फूलों से सजावट की तैयारी है।
जन्माष्टमी पर शुभ मुहूर्त और रोहिणी नक्षत्र
हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। हर साल इसी संयोग पर कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस बार जन्माष्टमी 30 अगस्त दिन सोमवार को मनाई जाएगी। अष्टमी तिथि 29 अगस्त रात 11.25 बजे से शुरू होगी और 30 अगस्त रात 1.59 बजे तक रहेगी। इसलिए जन्माष्टमी में पूजन और व्रत 30 अगस्त को होगा। ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत ने बताया कि जन्माष्टमी पर पूजन का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त रात 11.59 से देर रात 12.44 बजे तक रहेगा। रोहिणी नक्षत्र का आरंभ 30 अगस्त सुबह 6.39 बजे से हो रहा है। इसका समापन 31 अगस्त को सुबह 9.44 बजे होगा।