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Maulana Kaleem arrested: जान‍िए क्‍यों चर्चा में बने हुए हैं मौलाना कलीम, 30 साल पहले रखी थी मदरसे की नींव

Religion Conversion In UP मौलाना कलीम सिद्दीकी ने बड़े काश्तगार परिवार से ताल्लुक होने के कारण दीन की राह पर चलना पसंद किया। सबसे पहले मदरसा फैजुल इस्लाम के बने थे प्रबंधक-वर्ष 1991 में जमीन खरीदकर तैयार किया नया भवन।

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 09:21 AM (IST)
Maulana Kaleem arrested: जान‍िए क्‍यों चर्चा में बने हुए हैं मौलाना कलीम, 30 साल पहले रखी थी मदरसे की नींव
जबरन मतांतरण के आरोप में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी।

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। मौलाना कलीम सिद्दीकी ने बड़े काश्तगार परिवार से ताल्लुक होने के कारण दीन की राह पर चलना पसंद किया। दीन बातों, कामों को बढ़ावा देने के लिए वह मदरसों में रूचि रखने लगे थे। जिसके चलते गांव की स्थानीय कमेटी ने उन्हें 1987 में मदरसा फैजुल इस्लाम का प्रबंधक एवं संचालक नियुक्त कर दिया। यहीं से मौलाना की किस्मत के सितारे भी बुलंदियों में पर पहुंच गए। इसके बाद मौलाना स्वयं मदरसे की नींव रखवाई और भवन तैयार कराए। गांव के बाहरी छोर पर मौलाना के स्वजन की कुछ भूमि पड़ी थी। इसके आसपास खेत-खलियान की भूमि खरीदकर मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया की नींव डाली गई।

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वर्ष 1990 से मदरसे का निर्माण आरंभ किया गया। मदरसे के साथ छात्रावास, मेहनमान खाना तैयार किया गया है। खास यह है कि सभी भवनों को अाधुनिक डिजाइन और मोटी रकम खर्च कर बनाया गया है, जो करीब पांच से छह बीघा भूमि में निर्मित है। मदरसे के साथ आलीशान भवन बना है, जो खास मेहमानों के आने पर खुलता है। इससे पहले मौलाना कलीम ने गांव के फैजुल इस्लाम मदरसे को 1987 में अपनी निगरानी में कर लिया। पुराने मदरसे के बच्चों को भी नए भवन में शिफ्ट कर लिया गया। वर्तमान लगभग 300 से अधिक बच्चे यहां अध्ययनरत है। जिनकी पढ़ाई कोराेना काल में आनलाइन कराई जा रही है।

गैरजनपद के साथ राज्यों के छात्र अध्ययनरत

मौलाना कलीम सिद्दीकी के मदरसे में मुजफ्फरनगर के साथ आसपास के जनपदों के छात्र भी पढ़ते हैं। वहीं दिल्ली, बिहार, राजस्थान हरियाणा, पंजाब, गुजरात के भी बच्चे पढ़ाई करते हैं। मौलाना कलीम ने खतौली कस्बे के साथ देश के कई राज्यों में भी मदरसों की शाखाएं चला रखी है। फुलत मदरसे में शिक्षकों के साथ 56 लाेगों का स्टाफ तैनात है। जिनको मौलाना ने अलग-अलग कार्यों की जिम्मेदारी दे रही है। मौलाना ताहिर प्रधानाचार्य हैं, जबकि शिक्षा विभाग की देखरेख मौलाना वसीह, छात्रावास व मेस की जिम्मेदारी मौलवी सलमान निभाते हैं।

देशभर में मदरसों के सरंक्षक हैं मौलाना

मौलाना कलीम फुलत ही नहीं, देशभर में दर्जनभर मदरसों के सरंक्षक है। जिनमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली आदि राज्यों में मदरसों को चंदे के बल पर संचालित किया जाता है। इन मदरसों के सरपरस्त मौलाना हैं, लेकिन काम की देखरेख अन्य लोग करते हैं। खतौली कस्बे में भी एक मदरसा संचालित करना बताया गया है।


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