मेरठ में सरकार के बजट को संगठनों ने नकारा तो किसानों ने सराहा, पढ़ें इनकी टिप्पणी
सरकार की इस बजट के आने के बाद मेरठ में किसान संगठनों की प्रतिक्रिया सामने आई। संगठनों ने इसे सिरे से नकार दिया। लेकिन वहीं किसानों ने इस बजट की सराहना की है। पढि़ए मेरठ के किसानों से बातचीत की ये खास रिपोर्ट।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना महामारी के बीच मोदी सरकार ने एक फरवरी को आम बजट पेश कर दिया। खेती-किसानी को लेकर की गई घोषणाओं को किसान संगठनों ने एक सिरे से नकार दिया तो वहीं, जिले के प्रगतिशील किसानों ने बजट को सराहा है। किसान संगठनों का कहना है कि मोदी सरकार ने डीजल व पेट्रोल पर सेस लगाकर किसानों की कमर तोड़ दी है। कहा कि एमएसपी की गारंटी सरकार ने नहीं दी, जिससे किसानों की मुसीबत बढ़ गई हैं। उधर, प्रगतिशील किसानों का कहना है कि मोदी सरकार ने किसानों को व्यवसायिक प्लेटफार्म तैयार करने का रास्ता दिया है। इसमें उन्हें अपने कृषि उत्पाद से लेकर बाजार व विपणन तक की सभी व्यवस्था किसानों के हित की दिशा में ही प्रदान की हैं।
किसान को व्यवसायिक बनाने का प्लेटफार्म तैयार कर रही सरकार : पदम श्री भारत भूषण
बुलंदशहर के पदमश्री सम्मानित किसान भारत भूषण त्यागी कहते हैं कि सरकार ने बजट में वह सब कुछ घोषणा की है, जो किसानों को उनके व्यवसायिक बनाने के लिए मददगार साबित होगी। किसानों को केवल खेती ही नहीं, उन्हें अपना कृषि उत्पाद बेचने का प्लेटफार्म भी सरकार बजट में तैयार करने का रास्ता बता रही है। उन्होंने कहा प्रोसेसिंग यूनिट, सप्लाई, ट्रांसपोर्ट व गांवों में कुटीर उद्योग लगाकर किसान अपनी आय को बढ़ाने में कार्य कर सकते हैं।
लागत से डेढ़ गुना दाम मिलना किसानों में आत्मविश्वास भरने जैसा : ब्रजमोहन राणा
रंगीन शिमला मिर्च की खेती करने वाले किसान ब्रजमोहन राणा कहते हैं कि लागत से कम से कम डेढ़ गुना ज्यादा रकम देने वाला बिंदु किसानों के लिए आत्मविश्वास में वृद्धि करने वाला है। मंडी विकास के लिए एक लाख करोड़ किसानों के हित में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि किसानों को डीजल में रियायत बरतने की आवश्यकता है। जिससे किसान को फसलों की लागत में ज्यादा परेशानी न आए। कुल मिलाकर खेती किसानी के लिए बजट आय में वृद्धि करने वाला है।
गन्ने के मूल्य व चीनी मिलों पर भुगतान पर गंभीरता दिखाए सरकार : चंद्रहास
मवाना चीनी मिल क्षेत्र में गन्ने के बड़े किसान जयसिंहपुर नंगला निवासी चंद्रहास राणा कहते हैं कि सरकार का बजट किसानों के लिए ठीक है। लेकिन गन्ना मूल्य व गन्ना भुगतान दो ऐसी चीजें हैं, जिन पर सरकार को गंभीरता से मंथन करने की जरूरत है। खाद, बीज व डीजल में लगातार बढोतरी हो रही है। जिससे किसानों की लागत में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। इससे हटकर सरकार को गन्ना मूल्य पर भी थोड़ा ध्यान आकर्षित करने की आवश्यकता है।