वकीलों ने दिया किसानों को समर्थन, नहीं करेंगे न्यायिक कार्य
मेरठ बार एसोसिएशन ने कृषि कानूनों के विरोध में हो रहे किसान आंदोलन और सोमवार के भारत बंद को समर्थन देने की घोषणा की है। इसके तहत उन्होंने सोमवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने की घोषणा की है।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ बार एसोसिएशन ने कृषि कानूनों के विरोध में हो रहे किसान आंदोलन और सोमवार के भारत बंद को समर्थन देने की घोषणा की है। इसके तहत उन्होंने सोमवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने की घोषणा की है। मेरठ बार एसोसिएशन के महामंत्री सचिन चौधरी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में विभिन्न किसान संगठनों द्वारा पिछले एक साल से आंदोलन किया जा रहा है। दिल्ली बार्डर पर किसान धरने पर बैठे हैं। किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं लेकिन सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है। किसानों की मांगों के समर्थन में सोमवार को घोषित देशव्यापी बंद का मेरठ बार पूर्ण रूप से समर्थन करती है।
किसान मजदूर संगठन का कमिश्नरी पर धरना शुरू : सहारनपुर से दिल्ली के लिए चली किसान मजदूर संगठन की किसान यात्रा दिल्ली के बजाय मेरठ कमिश्नरी पर रुकी। संगठन ने कमिश्नरी पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। संगठन के मुखिया ने एलान किया है कि संगठन के किसान कमिश्नर के माध्यम से मुख्यमंत्री से वार्ता होने के बाद ही धरने से हटेंगे। साथ ही दो अक्टूबर को कमिश्नरी पर किसानों की महापंचायत भी होगी। रविवार को सहारनपुर से चली किसान यात्रा दिल्ली तक जानी थी। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरन सिंह ने सिवाया टोल प्लाजा पर कहा कि यह किसान यात्रा अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में धरना देने के लिए निकली थी। संगठन की मांग थी कि बेरोजगारों को नौकरी मिले, किसान पेंशन सभी किसानों को मिले। गन्ना भुगतान समय पर हो, गन्ने का रेट बढ़ाया जाए। गेहूं और धान की उचित मूल्य पर बिक्री हो। रास्ते में किसान यात्रा की सुध लेने के लिए कोई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा। न पानी की व्यवस्था है और न ही यातायात को परिवर्तित किया गया। अध्यक्ष ने किसानों से वार्ता कर एलान किया कि अब वह दिल्ली के बजाय मेरठ कमिश्नरी पर अनिश्चितकालीन धरना देंगे।