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Karwa Chauth 2021 : मेरठ और आसपास के जिलों में श्रद्धा और उत्साह से मना करवाचौथ पर्व, कई जगह वीडियोकॉल पर हुए चंंद्रदर्शन

रविवार को महिलाओं ने पति की लंबी आयु और खुशहाल दाम्पत्य जीवन के लिए करवाचौथ का व्रत रखा। उन्होंने चंद्र दर्शन कर अघ्र्य देकर व्रत खोला। कई जगह मौसम खराब होने से चांद नहीं दिखा तो वीडियो कॉल से दीदार किए गए।

By Parveen VashishtaEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 11:03 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 11:03 PM (IST)
Karwa Chauth 2021 : मेरठ और आसपास के जिलों में श्रद्धा और उत्साह से मना करवाचौथ पर्व, कई जगह वीडियोकॉल पर हुए चंंद्रदर्शन
मेरठ और आसपास के जिलों में श्रद्धा और उत्साह से मना करवाचौथ पर्व

मेरठ, जेएनएन। मेरठ और आसपास के जिलों में दांपत्य जीवन में एक दूसरे के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक पर्व करवाचौथ परंपरागत श्रद्धा और उत्साह से मनाया गया। निर्जला व्रत के साथ सुहागिनों के दिन की शुरुआत हुई। उन्होंने चंद्र दर्शन कर अघ्र्य देकर व्रत खोला। बड़े बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद भी प्राप्त किया। कई जगह मौसम खराब होने से चांद के दीदार न होने पर वीडियो कॉल से चंद्र दर्शन किए गए।

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रविवार को महिलाओं ने पति की लंबी आयु और खुशहाल दाम्पत्य जीवन के लिए करवा चौथ का महिलाओं ने व्रत रखा। करवा चौथ पर्व को मनाने के लिए महिलाएं सप्ताह भर से तैयारी में लगी थीं। मेरठ, सहारनपुर, बुलंदशहर, बिजनौर, शामली, बागपत व मुजफ्फरनगर में गारमेंट, साड़ी, ज्वैलरी आदि की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ लगी रही। ब्यूटी पार्लर पर भी कतार लगी रहीं। जहां फेशियल, ब्रिलिच, हेयर स्पा आदि  मेकअप कराने के साथ आइब्रो बनवाने के साथ हाथों पर मेंहदी रचवाने के लिए घंटो इंतजार करती रहीं।

सोलह श्रंगार कर पूजा के लिए सजाया थाल

रविवार को सुहागिनों ने मायके से आए सामान एवं परिधानों से सजना संवरना शुरू किया। सोलह श्रंगार कर पूजा के लिए थाल सजाए। जिसमें मिट्टी के दीपक, करूए, छलनी को रखकर थाल को आकर्षक बताया। फिर कहीं सामूहिक तो कहीं परिवार के साथ अखंड सौभाग्यवती बने रहने के लिए कहानी सुनी। पूजन कर पति की दीघायु एवं परिवार की सुख समृद्धि के लिए कामना की। चंद्र दर्शन के बाद सुहागिनों ने व्रत खोला। कोई पति के साथ रेस्टोरेंट पहुंची तो किसी ने स्वजनों संग इस पर्व को खास बनाया।

बेईमान हुआ मौसम, बादलों में छिपा चांद

दिन भर आसामन में बदलों के बीच सूर्यदेव की लुका छिपी बनी रही। जिसकी वजह से सुहागिनों की धड़कनें बढ़ी रहीं। शाम से ही चांद का दीदार करने के लिए सुहागिनें आतुर रहीं। कभी आंगन में तो कभी छत पर चढ़कर चांद निकलने का इंतजार करती रहीं। वहीं, शाम के समय हल्की बूंदाबांदी ने मुश्किल और बढ़ा दी। मौसम की वजह से बादलों में छिपे चांद को देखने के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाए रहीं।

बिजनौर व सहारनपुर में वीडियो कॉल पर किए चांद के दर्शन

बिजनौर। जिले के नगीना में रात 9 बजे तक चांद नहीं दिखा। महिलाएं अपनी छतों पर बार-बार चांद को आकाश में देखते हुए परेशान नजर आई। व्रत धारी महिलाओं ने अपने दूरदराज के परिचित जैसे शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, लखनऊ, दिल्ली आदि में फोन कर वीडियो कॉल पर चांद के दर्शन किए। चांद को वीडियो कॉल पर ही अर्ध्य देकर अपने व्रत का समापन किया। नगर के प्रसिद्ध बड़ा मंदिर श्री मुक्तेश्वर नाथ के पुजारी डा. विपिन चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि ऐसी स्थिति में सुहागिन महिलाएं जहां पर चांद निकल रहा है वहां पर वीडियो कॉल पर चांद के दर्शन कर, चांद को जल से अर्घ्‍य देकर, अपने पति के हाथ से जल का सेवन कर अपने व्रतों का समापन कर सकती हैं।

सहारनपुर। बरसात के कारण बादल छाए रहे। इस कारण चांद नहीं दिखा। सहारनपुर शहर में वीडियो कॉल पर दूसरे शहरों से महिलाओं के माध्‍यम से वीडियो कॉल पर चांद देखा।


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