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अब कुछ आस जगी, शास्त्रीनगर सेक्टर 12 व 13 और माधवपुरम के हस्तांतरण के लिए संयुक्त निरीक्षण शुरू Meerut News

अंतत शास्त्रीनगर सेक्टर 12 व 13 और माधवपुरम सेक्टर दो व चार के हस्तांतरण के लिए शुक्रवार को संयुक्त निरीक्षण शुरू हो गया। निरीक्षण रिपोर्ट पर हस्तांतरण की आगे प्रक्रिया शुरू होगी।

By Prem BhattEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 02:20 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 02:20 PM (IST)
अब कुछ आस जगी, शास्त्रीनगर सेक्टर 12 व 13 और माधवपुरम के हस्तांतरण के लिए संयुक्त निरीक्षण शुरू Meerut News
अब कुछ आस जगी, शास्त्रीनगर सेक्टर 12 व 13 और माधवपुरम के हस्तांतरण के लिए संयुक्त निरीक्षण शुरू Meerut News

मेरठ, जेएनएन। लंबे इंतजार की घडि़यां अब खत्‍म होती नजर आ रही है। शास्त्रीनगर सेक्टर 12 व 13 और माधवपुरम सेक्टर दो व चार के हस्तांतरण के लिए शुक्रवार को संयुक्त निरीक्षण शुरू हो गया। निरीक्षण रिपोर्ट पर हस्तांतरण की आगे प्रक्रिया शुरू होगी। सुबह 11 बजे आवास विकास परिषद के सहायक अभियंता और अवर अभियंता नगर निगम मुख्य अभियंता कार्यालय पहुंचे। चीफ इंजीनियर यशवंत कुमार ने पहले बैठक ली। सड़क, नाला नाली, पार्क, पेयजल व्यवस्था, सीवर सिस्टम समेत मूलभूत सुविधाओं के निरीक्षण कर एक सप्ताह में आंकलन रिपोर्ट प्रस्तुत करने की बात कही। इसके बाद नगर निगम के सहायक अभियंता, अवर अभियंता आवास विकास परिषद के अभियंताओं के सा

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लम्बे समय से लोग कर रहे हैं इंतजार

लगभग 15 साल पहले आवास विकास परिषद ने शास्त्रीनगर सेक्टर 12 और सेक्टर 13 को बसाया था। जबकि माधवपुरम सेक्टर दो और चार भी 20 साल पहले बसा था। तब से यह सेक्टर नगर निगम में हस्तांतरित होंने की राह देख रहे हैं। यहाँ रहने वाले नागरिक भी लम्बे समय से इसकी मांग कर रहे हैं। शासन से 20 अगस्त 2019 को पत्र भी आया था। जिसमे आवास विकास परिषद और नगर निगम दोनों सेक्टर हस्तांतरित करने की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन आदेश पर नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नही की गई। अब आवास विकास ने एक बार फिर नगर निगम से गुहार लगाई है।

आंकलन रिपोर्ट होगी तैयार

चीफ इंजीनियर ने कहा कि निर्माण विभाग, जलकल विभाग, सम्पत्ति विभाग, उधान, पथ प्रकाश विभाग के अधिकारी आवास विकास परिषद के अधिकारियों के साथ सड़क, पेयजल, जलनिकासी समेत मूलभूत सुविधाओं का मौका मुआयना करेंगे। जो कमियां मिलेंगी उसकी रिपोर्ट बनाएंगे। दो तरह से हस्तांतरण की कार्रवाई की जाएगी। एक कमियों को पूरा करने के लिए आवास विकास को लिखा जाएगा। दूसरा नगर निगम कमियों को दूर करने खुद एस्टिमेट प्रस्तुत करेगा। उसके सापेक्ष आवास विकास से धनराशि की डिमांड की जाएगी। जिसमे आवास विकास के अधिकारी तैयार होंगे। उसी अनुसार हस्तांतरित की जाएगी। 


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