Meerut Traffic Jam News: जाम की परीक्षा में फेल हो गई पुलिस, पूरे शहर में लगा जाम, मिनटों का सफर घंटों में तब्दील
नीट के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह धड़ाम हो गई। पूरा शहर जाम की गिरफ्त में चला गया। मिनटों का सफर घंटों में बदल गया। दिल्ली से लोग मेरठ के परतापुर तक तो घंटेभर में पहुंच गए लेकिन परतापुर से जीरो माइल तक डेढ़ घंटे से ज्यादा समय लग गया।
जागरण संवाददाता, मेरठ। नीट के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह धड़ाम हो गई। पूरा शहर जाम की गिरफ्त में चला गया। मिनटों का सफर घंटों में बदल गया। दिल्ली से लोग मेरठ के परतापुर तक तो घंटेभर में पहुंच गए, लेकिन परतापुर से जीरो माइल पार करने में डेढ़ घंटे से ज्यादा समय लग गया। दिल्ली रोड से लेकर बेगमपुल, गढ़ रोड, मवाना रोड, रुड़की रोड, माल रोड पर भी वाहनों के पहिये थमे रहे। हालात बेकाबू होने पर एसपी ट्रैफिक भी उतरे, लेकिन तब तक यात्री हलकान हो चुके थे।
रविवार को शहर में नीट था। 25 केंद्रों पर करीब 13 हजार परीक्षार्थी आए थे। उनके साथ हजारों की संख्या में स्वजन भी थे। सुबह करीब 11 बजे से ही केंद्रों पर पहुंचना शुरू हो गया था। पांच बजे के बाद परीक्षा खत्म होने के बाद जैसे ही परीक्षार्थी और स्वजन सड़कों पर आए तो हर तरफ जाम लग गया। कहीं भी ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था नहीं दिखाई दी। दिल्ली रोड के साथ ही रुड़की रोड, मवाना रोड, गढ़ रोड और हापुड़ रोड पर भी लोगों ने परेशानी ङोली। सबसे अधिक दिक्कत दिल्ली रोड के साथ ही माल रोड, जीरो माइल पर रही। यहां पर वाहन थम गए थे। एक-दूसरे से पहले निकलने की होड़ में दिक्कत और बढ़ती चली गई। थाना पुलिस को भी लगाया गया, लेकिन स्थिति नियंत्रित नहीं हुई। घंटों तक लोग जूझते रहे। हालांकि कुछ जगहों पर पुलिसकर्मी मौजूद थे, लेकिन भीड़ के चलते व्यवस्था नहीं बन सकी। वहीं, कुछ जगहों पर कोई नहीं था। बाद में एसपी ट्रैफिक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कमान संभाली और हालात को नियंत्रित किया। एसपी ट्रैफिक ने बताया कि परीक्षा के चलते जाम की स्थिति रही। सभी केंद्रों पर पुलिसकर्मी तैनात थे। लोगों को थोड़ी परेशानी उठानी पड़ी।
भीतरी रास्तों का भी बुरा हाल
हाईवे पर जाम लगने के बाद लोगों ने परेशानी से बचने के लिए भीतरी रास्तों का सहारा लिया तो वहां भी फंस गए। दिल्ली रोड पर ही जब लोग शारदा रोड की ओर चले तो झंडे वाला चौक, भूमिया का पुल, लिसाड़ी चौराहा, गोला कुआं पर ठहर गए। रेलवे रोड से जब घंटाघर होते हुए निकलने का प्रयास किया तो छतरी वाला पीर, खैरनगर चौराहा, बुढ़ाना गेट चौराहे पर भी यही स्थिति थी।
सड़कों पर हजारों वाहन अतिरिक्त
नीट के लिए करीब 13 हजार परीक्षार्थी शहर में थे। उनके साथ स्वजन भी थे। काफी लोग अपने-अपने वाहनों से आए थे। ऐसे में हजारों वाहन रविवार को अतिरिक्त हो गए। इसके चलते ही शहर की हर सड़क पर शाम को जाम था। वाहनों की कतारों के आगे पुलिस की व्यवस्था फेल साबित हुई। आपाधापी के दौरान लोगों में नोकझोंक भी हुई। रही सही कसर विपरित दिशा से आने वाले वाहन चालकों ने पूरी कर दी। कुल मिलाकर राम भरोसे व्यवस्था का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा।
ध्यान देते तो नहीं होती परेशानी: ट्रैफिक पुलिस को पहले से ही पता था कि रविवार को नीट की परीक्षा है। हजारों की संख्या में परीक्षार्थी शहर में मौजूद रहेंगे। हजारों वाहन अतिरिक्त सड़कों पर दौड़ेंगे। इसके साथ ही मेजर की अंतिम यात्र की भी जानकारी थी, लेकिन इसके सापेक्ष कोई ठोस इंतजाम नहीं किया गया। इसके चलते ही माल रोड पर तीसरे पहर के बाद से शुरू हुआ जाम का सिलसिला रात तक चलता रहा। योजना बनाकर यातायात व्यवस्था को संभाला जाता तो परेशानी से बचा जा सकता था। बेगमपुल-जीरो माइल और हापुड़ रोड की स्थिति भी देर शाम तक नारकीय बनी रही।
बसों की मारमारी
भैंसाली बस अड्डे पर परीक्षार्थियों की भीड़ के चलते शाम साढ़े पांच बजे से दो घंटे तक बसों के लिए मारामारी रही। बिजनौर, शामली और दिल्ली रूट पर अचानक यात्रियों की भीड़ बढ़ गई थी।
इस तरह मिल सकती है निजात
- शहर के प्रमुख चौराहों पर अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि जाम का प्रभाव न दिखाई दे।
- परीक्षा के दौरान परीक्षार्थी निजी वाहनों से आते हैं। केंद्रों के पास पार्किंग की व्यवस्था नहीं होती, इसलिए वाहन सड़क किनारे खड़े रहते हैं। यह भी जाम लगने का बड़ा कारण है। वाहन पार्किंग की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
- परीक्षा छूटते पर हजारों परीक्षार्थी-स्वजन निकलते हैं। केंद्रों की ओर जाने वाले मार्गों पर वाहनों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए।
- रोडवेज स्टैंड या फिर रेलवे स्टेशन से भी परीक्षाथियों को लाने और ले-जाने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। ई-रिक्शा व अन्य वाहनों से भी सड़कों पर दबाव बढ़ता है, जिससे जाम लगता है।
- परीक्षा या फिर अन्य अवसरों पर थानों से भी अतिरिक्त पुलिसकर्मी ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए लगा दिए जाते हैं, लेकिन प्रशिक्षण के अभाव में वह बेहतर कार्य नहीं कर पाते। इसलिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों पर पहले रिहर्सल कराया जाना चाहिए, ताकि जाम न लग सके।
परीक्षा के दौरान सड़कों पर अतिरिक्त वाहनों की संख्या बढ़ जाती है, जिसके चलते जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। भविष्य में जाम ना लगे, इसके लिए पहले से ही व्यवस्था कर ली जाएगी। साथ ही उपयुक्त सभी ¨बदुओं को भी ध्यान में रखा जाएगा।
जितेंद्र श्रीवास्तव, एसपी ट्रैफिक