Jam In Meerut: शहर में रैपिड तो देहात में पेराई सत्र ने रोके रास्ते, मिनटों का सफर घंटों में हो रह तय
Jam In Meerut मेरठ शहर की तीन रोड अधिक प्रभावित हो रही हैं। वहीं पांच चौराहों पर जाम की स्थिति रहती है। हर माह होने वाली बैठकों तक ही सिमटा मामला। दिल्ली रोड से लेकर गढ़ रोड और हापुड़ रोड काफी हद तक प्रभावित है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ में जाम का झाम पीछा नहीं छोड़ रहा है। सालों से लोग इससे जूझ रहे हैं। एक ओर जहां शहर में रैपिड रेल के निर्माण कार्य ने राह दूभर कर रखी है, वहीं दूसरी ओर गन्ने के पेराई सत्र ने परेशानी बढ़ा दी है। देखते ही देखते मिनटों का सफर घंटों में तब्दील हो जाता है। इसके निस्तारण के सभी प्रयास बैठकों तक ही सिमट कर रह जाते हैं। रही सही कसर शहर से लेकर देहात तक अतिक्रमण पूरी कर देता है।
चालकों की भी मनमानी
शहर में जाम लगने की तमाम वजहें हैं। दिल्ली रोड पर रैपिड रेल का काम चल रहा है। इसके चलते ही रूट भी डायवर्ट किया हुआ है। इससे भी परेशानी होती है। साथ ही वाहन चालकों की मनमानी और नियमों का उल्लंघन भी एक कारण है। साथ ही ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की मनमानी भी किसी से छिपी नहीं है। इसके साथ ही गढ़ रोड और हापुड़ रोड पर भी लोगों को दो चार होना पड़ता है। बेगमपुल, हापुड़ अड्डा, रेलवे रोड चौराहे, मेट्रो प्लाजा, फुटबाल चौक पर तो हर वक्त जाम की स्थिति ही बनी रहती है। हर माह कमिश्नर की बैठक होती है, जिसमें तमाम विभागों के साथ ही ट्रैफिक के अफसर भी मौजूद होते हैं। बावजूद इसके बातों को धरातल पर नहीं उतारा जाता। सिर्फ समाधान बैठक तक ही सिमटकर रह जाता है।
प्रमुख सड़क और चौराहे जद में
जब से दिल्ली रोड पर निर्माण कार्य शुरू हुआ है, तब से परेशानी है। अभी लंबे समय तक लोगों से जूझना पड़ेगा। उधर, फुटबाल चौराहा, रेलवे रोड चौराहा, मेट्रो प्लाजा, बेगमपुल और गढ़ रोड की बात करें तो हापुड़ अड्डा चौराहे पर भी वाहनों की रफ्तार थमी रहती है। हालांकि पेराई सीजन का असर शहर की सड़कों पर दिखाई नहीं देता है, लेकिन देहात तो आज भी जूझता रहता है।
दौराला मिल के पास जाम लगना शुरू
पेराई सत्र के शुरू होते ही दौराला शुगर मिल के पास जाम लगना शुरू हो जाता है। गने से लदे ट्रक, ट्रैक्टर ट्राली और बुग्गियों के चलते स्थिति हर साल ही परेशान करने वाली होती है। रेलवे फाटक के बंद होने के समय तो स्थिति विकराल ही हो जाती है। यह दिक्कत हर साल सामने आती है। हालांकि फ्लाइओवर ओवर की राह पकडऩे से लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिलती है। मिल के सुरक्षाकर्मी भी जाम से जूझते लोगों को राहत दिलाने में जुटे रहते हैं। थाना पुलिस भी फ्लाईओवर के नीचे से लेकर हाईवे तक लगने वाले जाम को खुलवाती है। दूसरी ओर, सिवाया टोल पर शनिवार और रविवार को जाम के हालात रहते हैं। टोल प्रबंधन अन्य दिनों की अपेक्षा अतिरिक्त 15 से 20 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाता है।
मवाना में पेराई भी, अतिक्रमण भी... कैसे चलें लोग
किला परीक्षिगढ़ मार्ग पर मवाना शुगर मिल हैं, जहां पेराई शुरू हो गई है। इसके चलते ही गन्ने से लदे ट्रक और ट्रैक्टर ट्रालियों केे साथ ही बुग्गी भी आने लगी हैं। इससे जाम की समस्या बढ़ गई है। रही सही कसर अतिक्रमण ने पूरी कर रखी है। लोगों का पैदल चलना भी दूभर हो जाता है। हालांकि पिछले साल लोगों की समस्या को देखते हुए गन्ने से लदे भारी वाहनों को रात आठ बजे के बाद ही शहर में प्रवेश मिलता था। इस रणनीति से काफी लाभ भी मिला था। लोगों का कहना है कि गन्ने के वाहनों के लिए बाईपास है, लेकिन वह शहर से ही आते हैं। इन पर अंकुश लगना चाहिए। तभी लोगों की राह आसान हो सकेगी।
रोहटा में सब कुछ राम भरोसे
सरधना के रोहटा में किनौनी शुगर मिल है। यहां पर भी गन्ने से लदे बड़े-बड़े ट्रक, ट्रक्टर-ट्राली और बुग्गी गन्ना डालने के लिए आते हैं। इनकी वजह से पूठ पुल, रोहटा बाजार, कैथवाड़ी गांव के मुख्य द्वार और मिल तक ही जाम की समस्या बनी रहती है। इसके समाधान के लिए लोग हर सवाल आवाज उठाते हैं, लेकिन किसी के पास कोई समाधान नहीं है। रणनीति बनाने की बात कहकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। पेराई खत्म होते ही मामला भी शांत हो जाता है। नया सत्र जब फिर शुरू होता है, तो फिर स्थिति वही ढाक के तीन पात जैसी ही होती है। पुलिस से लेकर प्रशासनिक अफसरों से गुहार लगाते-लगाते लोग थक चुके हैं।