जल निगम घोटाला: अनुबंध बिल की जगह वर्क ऑर्डर पर ही कर दिया 70 लाख का भुगतान
जल निगम घोटाला दस गांवों में आठ योजनाओं पर खर्च होने थे 70.44 लाख। पूर्वांचल के ठेकेदारों के जरिए किया गया घोटाला।
सहारनपुर, जेएनएन। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना कार्यक्रम के तहत क्षेत्र के 11 गांवों में आठ योजनाओं पर 70.44 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आया है। निगम अधिकारियों ने 10 बिल अनुबंध की जगह वर्क आर्डर पर ही भुगतान करा दिया, जबकि उक्त कार्य आज तक मौके पर हुआ ही नहीं है।
केंद्र और प्रदेश सरकार के संयुक्त अभियान में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के तहत रसूलपुर खेड़ी समेत 10 गांवों में आठ योजनाओं पर 70.44 लाख रुपये फर्जी वर्क आर्डर बनाकर निकाल लिए गए। उक्त राशि के तहत सीसी रोड, इंटरलॉङ्क्षकग टाइल्स रोड, पाइप लाइन निर्माण समेत अन्य कार्य होना था। कुछ जागरूक नागरिकों ने प्रकरण की शिकायत डीएम व अन्य अधिकारियों से की थी। आरोप लगाया था कि जल निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी का कुछ माह पूर्व सहारनपुर में तबादला हुआ था। वह अपने साथ पूर्वांचल के ठेकेदारों को भी ले आए और उन्हीं को ही कार्य आवंटित कर दिए गए।
शिकायतकर्ता जगदीश शर्मा का आरोप यह भी है संबंधित अधिकारी को ही पूरे प्रकरण की जांच सौंपी गई जबकि वह खुद भी दोषी हैं।
ऐसे किया गया खेल
विभागीय अधिकारियों और उनके चेहते ठेकेदारों ने मिलीभगत कर 10 बिल अनुबंध की जगह वर्क आर्डर पर बनाकर पैसे निकाले, जो काम मौके पर हुआ ही नहीं। कार्यों में सीसी रोड, इंटरलॉङ्क्षकग टाइल्स रोड आदि को तोडऩा और बनाना दिखाया गया। पाइप लाइन बिछाने का कार्य कहीं दिखाया नहीं गया। रसूलपुर खेरी योजना पर इंटरलॉङ्क्षकग टाइल्स ही नहीं है। एक वर्ष में आठ करोड़ रुपये के वर्क ऑर्डर बनाए, जो निविदा प्रक्रिया का उल्लंघन है।
इन्होंने बताया
राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के अंतर्गत कराए गए विकास कार्यों की जल्द ही समीक्षा होगी। भतिक सत्यापन भी कराया जाएगा। सरकार की छवि को खराब करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।
-सूर्य प्रताप शाही, प्रभारी मंत्री सहारनपुर
राष्ट्रीय पेयजल योजना कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में प्रस्तावित कार्य नियमानुसार कराए जा रहे हैं। विभाग पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं।
- राजेंद्र सिंह अधिशासी अभियंता जल निगम सहारनपुर।