जाको राखे साइयां मार सके ना कोय
जाको राखे साइयां मार सके ना कोय..। यह लाइन दो साल की बच्ची नुसरा पर सटीक बैठती है। माछरा ब्लाक के गांव जेई में रविवार देर रात बारिश से जर्जर हाल मकान की कच्ची छत भरभराकर गिर गई। इसके मलबे तले दो साल की बच्ची और उसकी मां दब गई।
मेरठ, जेएनएन। जाको राखे साइयां मार सके ना कोय..। यह लाइन दो साल की बच्ची नुसरा पर सटीक बैठती है। माछरा ब्लाक के गांव जेई में रविवार देर रात बारिश से जर्जर हाल मकान की कच्ची छत भरभराकर गिर गई। इसके मलबे तले दो साल की बच्ची और उसकी मां दब गई। स्वजन की चीख-पुकार सुनकर पड़ोस के लोग व ग्राम प्रधान मौके पर पहुंचे और करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद मलबे से महिला और बच्ची को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। बच्ची को सिर और पैर में चोट लगी है, जबकि महिला भी घायल है। हालांकि उपचार के बाद बच्ची और महिला को चिकित्सकों ने घर भेज दिया।
जेई निवासी इकबाल मजदूरी कर अपने परिवार का पेट भरते हैं। मकान काफी पुराना है और इसकी छत भी कच्ची है। रविवार रात मकान में उनकी पत्नी नाजमा और दो वर्षीय बेटी सो रही थीं। देर रात करीब तीन बजे भरभराकर अचानक छत गिर गई। मौके पर पहुंचे ग्राम प्रधान मसूद नवाब ने थाना पुलिस वह क्षेत्र के पटवारी व ब्लाक स्तर के कर्मचारियों को सूचना दी। भावनपुर पुलिस तो मौके पर पहुंची, लेकिन बीडीओ व एडीओ पंचायत व पटवारी नहीं आए।
कई बार लगाई मकान बनवाने की गुहार, किसी ने नहीं सुनी
इकबाल का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। आरोप है कि पटवारी वेद प्रकाश समेत पूर्व प्रधान से भी कई बार मकान बनवाने की बात कही थी। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। वहीं, पटवारी वेद प्रकाश का कहना है कि मुझे मकान के बारे में किसी ने कोई जानकारी नहीं दी। अब इस मकान की शिकायत आई है, इसकी मरम्मत करा दी जाएगी।
प्रधान बोले, कोई नहीं सुनेगा तो निजी खर्च से बनवाऊंगा मकान
जेई गांव के प्रधान मसूद नवाब का कहना है कि इकबाल का मकान पिछली योजना में ही बन जाता तो आज परिवार की जान पर नहीं बनती। अब अगर पीड़ित परिवार की कोई मदद नहीं करेगा तो मैं निजी खर्च से इनके लिए मकान बनवाऊंगा।