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आत्म शुद्धि के लिए इच्छाओं को रोकना तप

दशलक्षण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म की आराधना हुई। विद्वान वक्ताओं ने कहा कि आत्म शुद्धि के लिए इच्छाओं को रोकना तप है। मानसिक इच्छाएं सांसारिक बाहरी पदार्थो में चक्कर लगाया करती हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 10:45 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 10:45 PM (IST)
आत्म शुद्धि के लिए इच्छाओं को रोकना तप
आत्म शुद्धि के लिए इच्छाओं को रोकना तप

मेरठ, जेएनएन। दशलक्षण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म की आराधना हुई। विद्वान वक्ताओं ने कहा कि आत्म शुद्धि के लिए इच्छाओं को रोकना तप है। मानसिक इच्छाएं सांसारिक बाहरी पदार्थो में चक्कर लगाया करती हैं। इसलिए शरीर को प्रमादी न बनने देने के लिए बहिरंग तप किए जाते हैं। तप करना आत्मशुद्धि के लिए अमोघ साधन है।

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आनंदपुरी स्थित दिगंबर जैन मंदिर में गुरुवार को दशलक्षण पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया। सर्वप्रथम भगवान को पांडुकशिला पर विराजमान करके अभिषेक किया गया। इसके बाद भगवान पर शांति धारा की गई। शांति धारा का सौभाग्य अशोक जैन व रजत जैन को प्राप्त हुआ। सातवें दिन कर्म दहन विधान किया गया। मांडले पर 24 अ‌र्घ्य चढ़ाए गए। उत्तम तप धर्म की पूजा करके 25 अ‌र्घ्य चढ़ाए गए। धूप दशमी के उपलक्ष्य में शीतलनाथ भगवान की पूजा की गई। अभिषेक शांतिधारा में अरुण जैन, सुनील जैन प्रवक्ता, राजीव जैन, सत्येंद्र जैन व विनय जैन का सहयोग रहा। शाम को सामूहिक आरती की गई। मुनि प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि श्री मंदिर जी में शुक्रवार को दान पर्व मनाया जाएगा।

जैन मंदिर सदर में हुआ भक्तामर स्तोत्र का विधान

सप्तम उत्तम तप पर्व पर श्री 1008 पा‌र्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर सदर में आचार्य श्री भारत भूषण जी द्वारा रचित (48 काव्य) भक्तामर स्तोत्र विधान आर्यिका पुराणमती व आर्यिका दिव्यमती माता जी के सानिध्य में सानंद संपन्न हुआ। सदर जैन समाज के प्रवक्ता विनेश कुमार जैन ने बताया कि इंद्र इंद्राणियों ने भजनों के माध्यम से पूजन व भक्ति नृत्य किया। गुरुवार को कार्यक्रम में अक्षत, निकुंज, सचिन, संजय, मनीष, संतोष, प्रियंका आदि मौजूद रहे।

असौड़ा हाउस से आज निकलेगी शोभायात्रा

पर्यूषण महापर्व पर शांतिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर असौड़ा हाउस में प्रात: श्रीजी का अभिषेक हुआ। शांति धारा का सौभाग्य संजय व सार्थक जैन परिवार को मिला। मूलनायक शांतिनाथ भगवान की प्रतिमा का प्रक्षालन करने का सौभाग्य राकेश जैन व विनोद जैन को प्राप्त हुआ। रजत झारी द्वारा शांति धारा का सौभाग्य रामाकांत, उमेश, नवीन, अनमोल व शुभम को मिला। इसके पश्चात नित्य नियम पूजन एवं भक्तामर विधान कराया गया। शाम साढ़े सात बजे मंगल ज्योति व आरती हुई। इसके बाद प्रश्नमंच कराया गया। प्रचार संयोजक राकेश जैन ने बताया कि शुक्रवार सुबह असौड़ा हाउस जैन मंदिर से शोभायात्रा निकाली जाएगी। स्वर्ण रथ शोभायात्रा के लिए पांच पात्रों का चयन बोलियों द्वारा मंदिर परिसर में ही होगा। सुभाष जैन, विपिन, कपिल, सुधीर, राकेश, मनोज, अनिल, नवीन, सौम्या, संपदा, शिल्पी, श्वेता, तान्या, आभा, शोभा, पूनम, शालिनी, मेघना, मोनिका आदि मौजूद रहे।


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