मेरठ बवाल : हैरत है,पुलिस की कार्रवाई सिर्फ एक गिरफ्तारी तक
बुधवार को मछेरान में हुई आगजनी की वारदात के बाद हालांकि पुलिस के पास बवालियों के नाम और फोटो भी हैं लेकिन पुलिस ने सिर्फ एक आरोपी को गिरफ्तार कर खानापूर्ति की है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Sat, 09 Mar 2019 11:06 AM (IST)Updated: Sat, 09 Mar 2019 11:06 AM (IST)
मेरठ,[योगेन्द्र सागर]। मछेरान में अवैध निर्माण ढहाने को लेकर जमकर बवाल हुआ। असामाजिक तत्वों ने 150 से ज्यादा झुग्गियां जलाकर राख कर दीं। किसी का आशियाना उजड़ा तो किसी के सपने खाक में मिल गए। इतना ही नहीं, दिल्ली रोड पर बवालियों ने सरेआम उत्पात भी मचाया। वाहनों में तोड़फोड़ हुई,लूटपाट तक की गई। इन सबके बावजूद हैरतजनक यह कि तब से आज तक उपद्रवी ही पुलिस पर हावी हैं। पुलिस के पास बवालियों के नाम भी हैं और उनकी तस्वीरें भी। पर अफसोस!तीन दिन बाद भी पुलिस की गिरफ्तारी सूची में सिर्फ एक नाम चढ़ सका है।
नाम आने शुरू हो गए थे
बवाल के बाद प्रभावित एरिया को जोन व सेक्टर में बांटकर फोर्स तैनात कर दी गई थी। अन्य जिलों से फोर्स बुलाने के साथ-साथ आरएएफ व पीएसी भी लगाई गई। अगले ही दिन बवालियों के नाम सामने आने शुरू हो गए लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ने की जेहमत नहीं उठाई। 80 संदिग्ध व 30 बवाली चिन्हित हो चुके हैं लेकिन बवाल के तीन दिन बाद भी पुलिस का फोकस उनकी गिरफ्तारी पर नहीं है।
आगजनी-तोड़फोड़ का एक भी आरोपित नहीं पकड़ा
अब तक गिरफ्तार हुआ एक आरोपित बवाल वाले दिन शुरुआती दौर में ही पकड़ लिया गया था। वह पुलिस व कैंट बोर्ड की टीम पर पथराव का आरोपित था। गौर करने वाली बात यह है कि पुलिस अभी तक तोड़फोड़ व लूटपाट करने वाले एक भी आरोपित को नहीं पकड़ सकी है।
अग्निकांड के सूत्रधारों का भी पता नहीं
पथराव-लाठीचार्ज के बाद हुए अग्निकांड में डेढ़ सौ से अधिक लोगों का सब कुछ बर्बाद हो गया। तीन दिन बीतने के बाद भी भीषण अग्निकांड की पटकथा रचने वाले को भी पुलिस बेनकाब नहीं कर सकी है।
पांच-पांच हजार की आर्थिक सहायता
जमीयत उलमा हिंदू के दिल्ली से आए प्रतिनिधि मंडल ने जुमे की नमाज के बाद मछेरान में पीड़ितों का हाल जाना। सात पीड़ितों को मौके पर पांच-पांच हजार रुपये आर्थिक सहायता दी। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सभी 185 पीड़ितों को मदद दी जाएगी। शुक्रवार को जमीयत उलमा ए हिंदू के दिल्ली से आए मौलाना हकीमुद्दीन और मौलाना जमाल फैज-ए आम कॉलेज में पूर्व विधायक गुलाम मोहम्मद के कार्यालय पहुंचे। संगठन के मेरठ अध्यक्ष नायब शहर काजी जैनुस साजिदीन के साथ प्रतिनिधिमंडल मछेरान में उन लोगों से मिला, जिनकी झोपड़ी और सामान जल गया था। आगजनी की चपेट में आई मस्जिद को भी देखा। राधा,अनीता के साथ राशिदा,मुसर्रत,नसरीन,गुड्डू,यासमीन को पांच-पांच हजार रुपये की सहायता राशि दी। जमयैतुलमा के सचिव मौलाना हकीमुद्दीन ने कहा कि माली नुकासान का आकलन होने के बाद मदद की रकम और बढ़ाई जाएगी।
प्रदेश सरकार से मुआवजे का प्रयास होगा
डीएम और एसएसपी के मिलकर प्रदेश सरकार से भी मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने कहा कि इस मामले में कानूनी मदद की जरूरत हुई तो वह भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें सहारनपुर और देवबंद से आए प्रतिनिधि भी शामिल रहे। सईद,मौलाना सलीम इब्राहीम,महमूद,हाजी हनीफ कुरैशी,इमरान,शोएब अंसारी, अजहर अली,हबीब अंसारी आदि मौजूद रहे।
इनका कहना है
चिन्हित हुए आरोपित फरार चल रहे हैं। इसी के चलते उन पर 25-25 हजार का इनाम घोषित है। उनके रहने के ठिकाने जल चुके हैं। बवालियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
- नितिन तिवारी,एसएसपी
चार साल में कैसे हुआ दोबारा अवैध निर्माण.. होगी जांच
छह मार्च को शहर में हुए बवाल की वजह छावनी क्षेत्र में अवैध निर्माण था। अदने से अवैध निर्माण ने आगजनी से लेकर लूटपाट,तोड़फोड़ तक करा दी। भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो,इसके लिए शुक्रवार को एसएसपी नितिन तिवारी ने शुक्रवार को अपने कार्यालय में कैंट बोर्ड के सीईओ प्रसाद चव्हाण के साथ बैठक की। बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा यह रहा कि आखिर 2014 में सारा अतिक्रमण हट जाने के बाद 2018 तक कैसे दोबारा अवैध निर्माण हो गया। इस पर सीईओ ने जांच कराने की बात कही। सीईओ ने भी माना कि कैंट बोर्ड के कुछ कर्मचारियों की लापरवाही से अवैध निर्माण हुआ। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
खाक हुई बस्ती पर होगा फैसला
सूत्रों के मुताबिक आगजनी में खाक हुई भूसा मंडी की बस्ती अवैध रूप से बसी हुई है। उक्त जमीन लीज पर दी गई थी, जिसे अवैध तरीके से सबलीज पर दे दिया गया। अब उक्त अवैध बस्ती जलकर राख हो चुकी है। अब इस बस्ती को दोबारा बसने देना है या नहीं।
अवैध निर्माण का भी दर्ज हो सकता है मुकदमा
सूत्रों के मुताबिक पुलिस पर पथराव के बाद अब भूसा मंडी के लोगों के खिलाफ अवैध निर्माण का मुकदमा भी दर्ज हो सकता है। हालांकि, इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
पुलिस देख मची भगदड़ छतों से भागे लोग
शुक्रवार को पुलिस की एक टीम भूसा मंडी में गश्त करने गई। गिरफ्तारी के लिए दबिश जानकर वहां के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। लोग अपने आशियाने छोड़कर भागने लगे। कुछ लोग गलियों में दौड़े तो कुछ छतों के रास्ते भागने लगे। हालांकि बाद में सामान्य गश्त का पता चलने पर लोगों ने राहत की सांस ली।
नाम आने शुरू हो गए थे
बवाल के बाद प्रभावित एरिया को जोन व सेक्टर में बांटकर फोर्स तैनात कर दी गई थी। अन्य जिलों से फोर्स बुलाने के साथ-साथ आरएएफ व पीएसी भी लगाई गई। अगले ही दिन बवालियों के नाम सामने आने शुरू हो गए लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ने की जेहमत नहीं उठाई। 80 संदिग्ध व 30 बवाली चिन्हित हो चुके हैं लेकिन बवाल के तीन दिन बाद भी पुलिस का फोकस उनकी गिरफ्तारी पर नहीं है।
आगजनी-तोड़फोड़ का एक भी आरोपित नहीं पकड़ा
अब तक गिरफ्तार हुआ एक आरोपित बवाल वाले दिन शुरुआती दौर में ही पकड़ लिया गया था। वह पुलिस व कैंट बोर्ड की टीम पर पथराव का आरोपित था। गौर करने वाली बात यह है कि पुलिस अभी तक तोड़फोड़ व लूटपाट करने वाले एक भी आरोपित को नहीं पकड़ सकी है।
अग्निकांड के सूत्रधारों का भी पता नहीं
पथराव-लाठीचार्ज के बाद हुए अग्निकांड में डेढ़ सौ से अधिक लोगों का सब कुछ बर्बाद हो गया। तीन दिन बीतने के बाद भी भीषण अग्निकांड की पटकथा रचने वाले को भी पुलिस बेनकाब नहीं कर सकी है।
पांच-पांच हजार की आर्थिक सहायता
जमीयत उलमा हिंदू के दिल्ली से आए प्रतिनिधि मंडल ने जुमे की नमाज के बाद मछेरान में पीड़ितों का हाल जाना। सात पीड़ितों को मौके पर पांच-पांच हजार रुपये आर्थिक सहायता दी। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सभी 185 पीड़ितों को मदद दी जाएगी। शुक्रवार को जमीयत उलमा ए हिंदू के दिल्ली से आए मौलाना हकीमुद्दीन और मौलाना जमाल फैज-ए आम कॉलेज में पूर्व विधायक गुलाम मोहम्मद के कार्यालय पहुंचे। संगठन के मेरठ अध्यक्ष नायब शहर काजी जैनुस साजिदीन के साथ प्रतिनिधिमंडल मछेरान में उन लोगों से मिला, जिनकी झोपड़ी और सामान जल गया था। आगजनी की चपेट में आई मस्जिद को भी देखा। राधा,अनीता के साथ राशिदा,मुसर्रत,नसरीन,गुड्डू,यासमीन को पांच-पांच हजार रुपये की सहायता राशि दी। जमयैतुलमा के सचिव मौलाना हकीमुद्दीन ने कहा कि माली नुकासान का आकलन होने के बाद मदद की रकम और बढ़ाई जाएगी।
प्रदेश सरकार से मुआवजे का प्रयास होगा
डीएम और एसएसपी के मिलकर प्रदेश सरकार से भी मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने कहा कि इस मामले में कानूनी मदद की जरूरत हुई तो वह भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें सहारनपुर और देवबंद से आए प्रतिनिधि भी शामिल रहे। सईद,मौलाना सलीम इब्राहीम,महमूद,हाजी हनीफ कुरैशी,इमरान,शोएब अंसारी, अजहर अली,हबीब अंसारी आदि मौजूद रहे।
इनका कहना है
चिन्हित हुए आरोपित फरार चल रहे हैं। इसी के चलते उन पर 25-25 हजार का इनाम घोषित है। उनके रहने के ठिकाने जल चुके हैं। बवालियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
- नितिन तिवारी,एसएसपी
चार साल में कैसे हुआ दोबारा अवैध निर्माण.. होगी जांच
छह मार्च को शहर में हुए बवाल की वजह छावनी क्षेत्र में अवैध निर्माण था। अदने से अवैध निर्माण ने आगजनी से लेकर लूटपाट,तोड़फोड़ तक करा दी। भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो,इसके लिए शुक्रवार को एसएसपी नितिन तिवारी ने शुक्रवार को अपने कार्यालय में कैंट बोर्ड के सीईओ प्रसाद चव्हाण के साथ बैठक की। बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा यह रहा कि आखिर 2014 में सारा अतिक्रमण हट जाने के बाद 2018 तक कैसे दोबारा अवैध निर्माण हो गया। इस पर सीईओ ने जांच कराने की बात कही। सीईओ ने भी माना कि कैंट बोर्ड के कुछ कर्मचारियों की लापरवाही से अवैध निर्माण हुआ। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
खाक हुई बस्ती पर होगा फैसला
सूत्रों के मुताबिक आगजनी में खाक हुई भूसा मंडी की बस्ती अवैध रूप से बसी हुई है। उक्त जमीन लीज पर दी गई थी, जिसे अवैध तरीके से सबलीज पर दे दिया गया। अब उक्त अवैध बस्ती जलकर राख हो चुकी है। अब इस बस्ती को दोबारा बसने देना है या नहीं।
अवैध निर्माण का भी दर्ज हो सकता है मुकदमा
सूत्रों के मुताबिक पुलिस पर पथराव के बाद अब भूसा मंडी के लोगों के खिलाफ अवैध निर्माण का मुकदमा भी दर्ज हो सकता है। हालांकि, इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
पुलिस देख मची भगदड़ छतों से भागे लोग
शुक्रवार को पुलिस की एक टीम भूसा मंडी में गश्त करने गई। गिरफ्तारी के लिए दबिश जानकर वहां के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। लोग अपने आशियाने छोड़कर भागने लगे। कुछ लोग गलियों में दौड़े तो कुछ छतों के रास्ते भागने लगे। हालांकि बाद में सामान्य गश्त का पता चलने पर लोगों ने राहत की सांस ली।
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