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LokSabha Election 2019 : कौन जीता, कौन हारा ! जानने के लिए तीसरी बार करना होगा लंबा इंतजार

मेरठ वासियों को देश में लोकतंत्र के इतिहास में तीसरी बार लोकसभा चुनाव परिणामों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इस बार यह अवधि 42 दिनों की है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 09:30 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 09:30 AM (IST)
LokSabha Election 2019 : कौन जीता, कौन हारा ! जानने के लिए तीसरी बार करना होगा लंबा इंतजार
LokSabha Election 2019 : कौन जीता, कौन हारा ! जानने के लिए तीसरी बार करना होगा लंबा इंतजार
मेरठ, [ओम बाजपेयी]। मेरठ वासियों को देश में लोकतंत्र के इतिहास में तीसरी बार लोकसभा चुनाव परिणामों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। 1951-52 में चली सबसे लंबी चुनाव प्रक्रिया में मेरठ वासियों का इंतजार केवल 19 दिन का था,जबकि इस बार 42 दिन का है। इसके पहले 1957 और 1962 में इससे लंबी अवधि के बाद चुनाव परिणाम सामने आए थे।
पहली बार केवल 19 दिन का इंतजार
देश में पहले लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया 25 अक्टूबर 1951 में आरंभ हुई थी। प्रथम लोकसभा चुनाव 68 चरणों में हुए थे और पांच माह से अधिक अंतराल में संपन्न हुए थे। चुनाव परिणामों की तस्वीर 15 अप्रैल को लोकसभा गठन के साथ साफ हुई थी। जिन क्षेत्रों में पहले चरण में मतदान हुआ था उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा था। चूंकि मेरठ में मतदान 27 मार्च 1952 में हुए थे इसलिए इंतजार की अवधि केवल 19 दिन रही थी।
75 दिनों का लंबा इंतजार
ईवीएम का इस्तेमाल लोकसभा चुनावों में 2004 से आरंभ हुआ था। अब काउंटिंग आरंभ होने के कुछ ही घंटों में स्थिति स्पष्ट हो जाती है। इसके पहले मतगणना में लंबा समय लगता था। चुनाव परिणामों की तस्वीर लोकसभा के गठन से या प्रधानमंत्री की शपथ लेने के बाद ही स्पष्ट होती थी। समय अवधि का आकलन करते समय इसी तथ्य को ध्यान में रखा गया है। 1957 का लोकसभा चुनाव आधिकारिक रूप से राज्यों की सीमाएं तय होने और स्टेट रेगुलेशन एक्ट लागू होने के बाद हुआ था। दूसरे लोकसभा चुनावों की प्रक्रिया 24 फरवरी 1957 से आरंभ हुई थी।
दूसरी लोकसभा का कार्यकाल 5 अप्रैल से
साढ़े तीन माह तक चले चुनाव में 11 मई को लोकसभा स्पीकर एमए अयंगर ने शपथ ली थी। हालांकि अभिलेखों में दूसरी लोकसभा का कार्यकाल 5 अप्रैल से माना जाता है। मेरठ में चुनाव 25 फरवरी को हुआ था। उस लिहाज से देखा जाए तो 75 दिन बाद परिणामों की स्थिति स्पष्ट हुई थी। इसके बाद वर्ष 1962 में हुए तीसरे चुनाव में भी 42 दिन बाद तस्वीर साफ हुई थी। इस बार मेरठ में 11 अप्रैल 2019 को मतदान हुआ है और मतगणना 23 मई को होगी। इस लिहाज से देखा जाए तो मेरठ को इस बार 42 दिन लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। दूसरी लोकसभा 1957 और तीसरी 1962 में करना पड़ा था क्रमश: 75 और 42 दिन इंतजार, इस बार 11 अप्रैल से 23 मई तक है 42 दिनों का अंतराल है।
एक नजर में जानिए
प्रथम लोकसभा- 1952
चुनाव और परिणाम का अंतराल 19 दिन
दूसरी लोकसभा -1957
चुनाव और परिणाम का अंतराल75 दिन
तीसरी लोकसभा - 1962
चुनाव और परिणाम का अंतराल 42 दिन
चौथी लोकसभा- 1967
चुनाव और परिणाम का अंतराल 17 दिन
पांचवीं लोकसभा- 1971
चुनाव और परिणाम का अंतराल 14 दिन
छठवीं लोकसभा 1977
चुनाव और परिणाम का अंतराल 8 दिन
सातवीं लोकसभा 1980
चुनाव और परिणाम का अंतराल 15 दिन
आठवीं लोकसभा 1984,
चुनाव और परिणाम का अंतराल 7 दिन
नौवीं लोकसभा 1989
चुनाव और परिणाम का अंतराल 10 दिन
10वीं लोकसभा 1991
दंगे के कारण रिकार्ड उपलब्ध नहीं गठन 20 जून
11वीं लोकसभा 1996
चुनाव और परिणाम का अंतराल 8 दिन
12वीं लोकसभा- 1998
चुनाव और परिणाम का अंतराल 22 दिन
13वीं लोकसभा- 1999
चुनाव और परिणाम का अंतराल 15 दिन
14वीं लोकसभा- 2004
चुनाव और परिणाम का अंतराल 7 दिन
15वीं लोकसभा- 2009
चुनाव और परिणाम का अंतराल 36 दिन
16वीं लोकसभा- 2014
चुनाव और परिणाम का अंतराल 36 दिन
17वीं लोकसभा- 2019
चुनाव और परिणाम का अंतराल 42 दिन
सात दिन का सबसे कम इंतजार
मेरठ में वर्ष 1984 में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 24 दिसंबर को हुआ था और परिणाम 31 दिसंबर को आ गया था। इसी तरह 14वीं लोकसभा का चुनाव 14 मई 2004 को हुआ था और किसकी सरकार बनेगी यह 21 मई को पता लग गया था। उक्त दोनों चुनावों में परिणाम का इंतजार सबसे कम रहा है। 

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