नदियों के साथ पर्यावरण को शुद्ध करने की पहल शुरू अब उद्योगों में प्रदूषण की नब्ज पकड़ेगी इंजीनियरों की ये टीम
औद्योगिक इकाइयों में जल और वायु प्रदूषण की नब्ज पकडऩे के लिए इंजीनियरों की टीम लगाई गई है। यह टीम प्रदूषण के कारण और रोकथाम की बारीकी से जांच करेगी।
मुजफ्फरनगर, [दिलशाद सैफी]। औद्योगिक इकाइयों में जल और वायु प्रदूषण की नब्ज पकडऩे के लिए इंजीनियरों की टीम लगाई गई है। यह टीम प्रदूषण के कारण और रोकथाम की बारीकी से जांच करेगी। इसकी कमान जिले के सभी सरकारी उपक्रमों के एई और जेई को सौंपी गई है। रोजाना मॉनीटङ्क्षरग के लिए एक इंडस्ट्री पर एक इंजीनियर नियुक्त किया गया है। पहले चरण में 80 इंजीनियरों की टीम बनी है, जो 101 इकाइयों में जाकर जांच-पड़ताल करेगी। यह पहल काली और ङ्क्षहडन नदी का प्रदूषण रोकने के साथ पर्यावरण को शुद्ध बनाने में भी मददगार होगी।
तीन दिन का प्रशिक्षण
इंडस्ट्रीज में प्रदूषण की जांच के लिए विभाग के साथ नगर पालिका, पीडब्ल्यूडी, एमडीए, ङ्क्षसचाई विभाग, आइआरएस, जल निगम आदि सरकारी उपक्रमों के एई, जेई को तीन दिवसीय प्रशिक्षण में प्रदूषण की मात्रा, स्थिति को काबू करने, मशीनों की जांच, रीङ्क्षडग, मानक आदि की जानकारी दी गई है। जांच के वक्त मेजर प्वाइंट इंजीनियर्स को पकडऩा है कि कहां नियम विपरीत कार्य हो रहा है।
जल व वायु प्रदूषण की रोकथाम
इंजीनियरों की टीम देखेगी कि इंडस्ट्रीज में उत्पादन क्षमता, तैयार उत्पाद में खर्च होने वाले पानी और उसकी सफाई के इंतजाम मानक मुताबिक हैं या नहीं। वायु प्रदूषण रोकने के इंतजाम भी परखे जाएंगे। एक घंटे में मशीनों से कितना प्रदूषण बाहर आ रहा है, जबकि पूरे दिन संचालन में रीङ्क्षडग कितनी रहेगी। मानक विपरीत स्थिति मिलने पर इकाई प्रबंधन को सचेत कर प्रदूषण को प्रारंभिक स्तर पर ही रोक दिया जाएगा।
यह इकाइयां संचालित
- पेपर मिल्स 31
- शुगर मिल 08
- डिस्टलरी 03
- लोहा इकाई 19
- लैड इकाई 20
- छोटी-बड़ी इकाई-20
इन्होंने बताया
प्रदूषण की रोकथाम के लिए 80 इंजीनियरों की टीम बनाई है, जो इकाइयों में जाकर जांच-पड़ताल करेगी। इससे जल और वायु प्रदूषण को प्राथमिक स्तर पर रोका जा सकेगा। इससे नदियों और पर्यावरण को साफ रखने में मदद मिलेगी।
-अंकित सिंह, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी, मुजफ्फरनगर।