Rabi-2019 season: ‘किसान पाठशाला’ में खेती की एबीसीडी सीख, इस तरह मुनाफा कमाएंगे किसान Meerut News
किसानों को समृद्ध करने के लिए सरकार ने रबी-2019 सीजन के तहत ‘किसान पाठशाला’ कार्यक्रम की शुरूआत की है। चार दिवसीय पाठशाला में प्रशिक्षित होंगे मेरठ के 18400 किसान।
मेरठ, जेएनएन। किसानों को समृद्ध करने के लिए सरकार ने रबी-2019 सीजन के तहत ‘किसान पाठशाला’ कार्यक्रम की शुरूआत की है। प्रदेश स्तर पर चलने वाले चार दिवसीय पाठशाला में दस लाख पाठशालाओं में किसानों को प्रशिक्षण व जागरूक करने का लक्ष्य रखा गया है। जनपद में प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर सभी न्याय पंचायत की दो ग्राम पंचायतों को कार्यक्रम में जोड़ा गया है। इसके लिए एक गांव से प्राथमिक विद्यालय में 100 किसानों को आमंत्रित किया गया है। पहला चरण 21 से शुरू होकर 24 अक्टूबर तक चलेगा। जिसके बाद दूसरा चरण चार से सात नवंबर तक होगा। पाठशाला को सफल बनाने के लिए कृषि विभाग ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है।
184 गांवों में आयोजित होगी किसान पाठशाला
डीएम के आदेश पर पाठशाला में कृषि उप निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, सहायक निदेशक मृदा स्वास्थ्य परीक्षण केंद्र, सहायक निदेशक रेशम विभाग, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, प्रबंधक दुग्ध संघ, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य व निबंधक सहकारी समिति के अधिकारियों को इस कार्यक्रम की कमान सौंपी गई है। मेरठ में 12 ब्लॉक से 92 न्याय पंचायत हैं, जिसमें 184 गांवों में किसान पाठशाला आयोजित होगी।
इन्होंने कहा
किसान पाठशाला (द मिलियन फार्म्स स्कूल) 21 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है। सभी न्याय पंचायत से दो ग्राम पंचायतों में सौ किसान प्रतिभाग करेंगे। जिन्हें समृद्ध करने की दिशा में कृषि संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी।
- प्रबोध कुमार, सहायक निदेशक, मृदा स्वास्थ्य परीक्षण प्रयोगशाला, कृषि विभाग
इस तरह होगा पाठशाला का सिलेबस
पहला दिन: प्राथमिक विद्यालय की किसान पाठशाला में किसानों को पहले दिन आय दोगुनी करना, कृषि में संभावनाएं, परिकल्पना व रणनीति, उत्पादन वृद्धि, लागत कम करना, समुचित विपणन व्यवस्था, मृदा में जीवांश कार्बन वृद्धि के उपाय व मृदा स्वास्थ्य कार्ड संबंधी आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी।
दूसरा दिन: 22 अक्टूबर को दूसरे दिन कृषि विविधिकरण के तहत गन्ना शीतकालीन गन्ने की उत्पादन तकनीकी व विभागीय सुविधाएं, उद्यान व खाद्य प्रसंस्करण, रबी मौसम में सब्जियों की खेती, पशुपालन, मत्स्य, अन्त:फसल खेती व वर्मी कंपोस्ट उत्पादन तकनीकी आदि के बारे में अवगत कराया जाएगा।
तीसरा दिन: 23 अक्टूबर को रबी फसल प्रबंधन की तकनीक बताई जाएगी। जिसमें प्रजातियों का चयन, दलहनी तिलहनी फसलों को बढ़ावा देना, फसल सुरक्षा, कृषि विभाग की योजनाएं व बीज शोधन आदि के बारे में बताया जाएगा।
चौथा दिन: 24 अक्टूबर को जैविक खेती, जैविक प्रमाणीकरण, कम लागत हेतू कृषि यंत्रीकरण, सिंचाई प्रबंधन, कटाई उपरांत फसल प्रबंधन आदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी।