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Swing Purchase Scam In Meerut: झूला खरीद घोटाले में नगर निगम के तीन अभियंताओं पर गिरी गाज, पढ़ें क्‍या था मामला

मेरठ में 231 झूलों की खरीद में लाखों रुपये के घोटाले में शासन ने कार्रवाई करते हुए नगर निगम में लंबे समय से पदस्थ अधिशासी अभियंता नीना सिंह समेत एई राजपाल सिंह यादव व जेई राजेंद्र सिंह को हटाते हुए नगर निकाय निदेशालय में संबद्ध कर दिया है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 08:00 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 08:00 PM (IST)
Swing Purchase Scam In Meerut: झूला खरीद घोटाले में नगर निगम के तीन अभियंताओं पर गिरी गाज, पढ़ें क्‍या था मामला
मेरठ में हुए झूला खरीद घोटाले में शासन ने बड़ी कार्रवाई की है।

मेरठ, जेएनएन। दो साल पहले शहर के विभिन्न पार्कों में लगाए गए 231 झूलों की खरीद में लाखों रुपये के घोटाले में शासन ने बड़ी कार्रवाई कर दी। नगर निगम में लंबे समय से पदस्थ अधिशासी अभियंता नीना सिंह समेत एई राजपाल सिंह यादव व जेई राजेंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए निदेशक, नगर निकाय निदेशालय में संबद्ध कर दिया है। साथ ही अग्रिम कार्रवाई के लिए मामले की जांच अपर आयुक्त प्रशासन मेरठ मंडल को सौंपी दी गई है। नगर आयुक्त मनीष बंसल ने इसकी पुष्टि की है।

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कार्रवाई की अनुशंसा की थी

छह माह पूर्व मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री के निर्देश पर पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट पूर्व नगर आयुक्त डा. अरविंद चौरसिया ने शासन को भेजी थी। जिसमें तीनों अभियंताओं को झूला खरीद मामले में दोषी बताते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की थी। उस वक्त जांच अधिकारी सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह ने लेडीज पार्क समेत शहर के अन्य पार्कों में लगे झूलों का वजन कराया था। कुछ झूलों का वजन 210 किलो तो कुछ का 180 किलो पाया गया था। झूला खरीदी तत्कालीन नगर आयुक्त मनोज चौहान के समय अधिशासी अभियंता नीना सिंह, एई राजपाल सिंह यादव और जेई राजेंद्र सिंह ने की थी। जांच में पाया गया था कि बिना मार्केट सर्वे और अन्य आवश्यक प्रक्रिया के ही झूले खरीदे गए थे।

इन्‍होंने की थी पहले शिकायत

जांच अधिकारी ने जो रिपोर्ट प्रस्तुत की थी उसमें वित्तीय अनियमितता होने की बात कही थी। पूर्व नगर आयुक्त डा. अरविंद चौरसिया ने यह जांच रिपोर्ट विजिलेंस को भी सौंपी थी। मालूम हो कि झूला खरीदी में घोटाले की शिकायत शासन से सबसे पहले पूर्व पार्षद यासीन पहलवान ने की थी। इसके बाद राज्यसभा सदस्य विजयपाल सिंह तोमर ने भी घोटाले का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री से उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।

बाजार से दुगने रेट पर खरीदे गए थे झूले

नगर निगम के विभिन्न पार्कों में 231 झूले लगाए गए थे। एक झूले की खरीद 84 हजार रुपये में की गई थी, जबकि बाजार में कीमत 44 हजार रुपये के आसपास थी। 231 झूलों में से 110 झूलों का करीब 92 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया था। जबकि 121 झूलों का लगभग एक करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया था। जांच रिपोर्ट में ये बात सामने आने के बाद पूर्व नगर आयुक्त डा. अरविदं चौरसिया ने शेष धनराशि के भुगतान से मना कर दिया था।


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