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Recession in Festive Season: त्योहारी सीजन में मंदी की घटा छटने के आसार Meerut News

मंदी के दौर में सोने का चालीस हजार का आंकड़ा पार करना लोगों को हतप्रभ कर रहा है। संपन्नता के प्रतीक इस धातु के बाजार पर मंदी की छटा माह के अंत से हटने के आसार हैं।

By Taruna TayalEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 12:15 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 12:15 PM (IST)
Recession in Festive Season: त्योहारी सीजन में मंदी की घटा छटने के आसार Meerut News
Recession in Festive Season: त्योहारी सीजन में मंदी की घटा छटने के आसार Meerut News
मेरठ, जेएनएन। सोने और अन्य सामानों की बिक्री काफी हद तक भारतीय रीतिरिवाजों और धार्मिक पहलुओं से निर्धारित होती है। बाजार के जानकारों के अनुसार वर्तमान में न तो कोई शुभयोग और न ही शादी विवाह के मुहूर्त हैं। इसके चलते आभूषणों ही नहीं अन्य सेक्टरों के प्रतिष्ठानों में सन्नाटा पसरा है। ज्योतिषविद् विभोर इंदुसुत ने बताया कि चातुर्मास के कारण इस समय देव सोए हुए हैं। विवाह मुहूर्त भी नहीं है। 14 सितंबर से 28 सितंबर तक पितृपक्ष हैं। इसमें कोई भी शुभ कार्य और खरीददारी वर्जित मानी जाती है। 29 सितंबर को पहला नवरात्र हैं। इसमें शुभ कार्य होंगे। खरीददारी का मुख्य पर्व दीपावली 27 अक्टूबर को है। दिसंबर से जनवरी के बीच के एक माह के मलमास को छोड़ दें तो अगले साल मार्च तक पर्व और विवाहोत्सव का सिलसिला चलेगा। सोना चांदी व्यापार संघ के संत कुमार वर्मा ने बताया कि सीजन न होने के कारण भी ग्राहक बाजार में नहीं है। नवरात्र के बाद त्योहारों और शादी विवाह का समय आरंभ होगा तब शायद बाजार में तेजी आए।
दो हजार रुपये का अंतर क्यों बिल से खरीदेगा ग्राहक
सोने पर आयात शुल्क पहले से ही ज्यादा 10 प्रतिशत था। व्यापारी इसमें ढ़ाई से पांच प्रतिशत छूट की मांग कर रहे थे। बजट में आशा के विपरीत आयात शुल्क 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ के जिलाध्यक्ष ललित शैल ने बताया कि आयात शुल्क बढऩे से स्मगलिंग को बढ़ावा मिल रहा है। कैश और बिना बिल के आभूषण खरीदने पर प्रति दस ग्राम सोना 38 हजार का और बिल के साथ लेने पर 40 हजार का पड़ रहा है। ऐसे में ग्राहक क्यों नंबर एक से खरीदना चाहेगा।
म्यामार और नेपाल से आ रहा है स्मगलिंग का सोना
उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के पास नेपाल की सीमा से सोने की स्मगलिंग होती है। म्यामार का नाम भी सोने की स्मगलिंग शामिल हो गया है। यह सोना दुबई और अन्य स्थानों से लाया जाता है। दिल्ली में चांदनी चौक में बैठे व्यापारी करोड़ों का सोना एक बार में खरीदते हैं। उसके बाद यह स्मगलिंग का सोना मेरठ और अन्य जनपदों में सोने के बाजारों में एजेंटों के माध्यम से बेचा जाता है। नंबर एक का सोना खरीदने के लिए व्यापारी को पीएनबी और एसबीआइ की शाखाओं में निर्धारित एमाउंट जमा करना पड़ता है उसके बदले में बैंक सोना देता है। तीन प्रतिशत जीएसटी और 12.5 प्रतिशत आयात शुल्क का सीधा अंतर है।
नींद ले रहे हैं व्यापारी
ज्वैलर्स कारोबार में मंदी को लेकर तरह तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं। एक मैसेज में दुकानदार को सोते हुए दिखाया गया है। कहा गया है बिक्री तो है नहीं, नींद ही रह गई है। बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री विजय आनंद अग्रवाल ने बताया कि मंदी के कारण सैकड़ों कारीगर पलायन कर गए हैं। दीपावली को लेकर व्यापारी तैयार तो कर रहे हैं लेकिन डरे हुए हैं कि माल बिकेगा कि नहीं। 

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