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Illegal Books Case: कोरोना न होता तो खप जाती करोड़ों की किताबें बाजार में, कई और भी रडार पर Meerut News

Illegal Books Case कोरोना काल ने करोड़ों रुपये की किताबों को बाजार में खपने से बचा लिया। मार्च से लॉकडाउन लगने के बाद से स्कूल और बाजार बंद थे।

By Prem BhattEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 12:30 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 12:30 PM (IST)
Illegal Books Case: कोरोना न होता तो खप जाती करोड़ों की किताबें बाजार में, कई और भी रडार पर Meerut News
Illegal Books Case: कोरोना न होता तो खप जाती करोड़ों की किताबें बाजार में, कई और भी रडार पर Meerut News

मेरठ, जेएनएन। कोरोना काल ने करोड़ों रुपये की किताबों को बाजार में खपने से बचा लिया। मार्च से लॉकडाउन लगने के बाद से स्कूल और बाजार बंद थे। इसीलिए गोदाम से माल बाहर नहीं निकला। परतापुर क्षेत्र के अछरोंडा में एनसीईआरटी की अवैध किताबों का बड़ा गोदाम था। मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना पर एसटीएफ जांच में जुट गई थी। दस दिनों तक जांच-पड़ताल के बाद सिपाही को ग्राहक बनाकर भेजा गया था।

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कई और लोग रडार पर

एसटीएफ और परतापुर पुलिस ने गोदाम से करोड़ों की किताब बरामद की थी। करीब नौ लाख किताबें गोदाम में रखी थीं। संक्रमण के दौरान में स्कूल-कॉलेज और बाजार बंद होने के चलते माल सप्लाई नहीं हो सकता था। सूत्रों का कहना है कि शहर में अभी भी एनसीईआरटी की फर्जी किताबें छापने का धंधा चल रहा है। एसटीएफ और पुलिस जांच में जुटी हैं। कई लोग रडार पर हैं।


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