मेरठ में किताब फर्जीवाडा : आठ साल में 40 करोड़ की अवैध संपत्ति जुटा चुका गुप्ता परिवार, राजस्व को पहुंचाया करोड़ों का नुकसान
राजस्व विभाग को भी उनके इस कृत्य से करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा। इसी के चलते संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता की संपत्ति के लिए एमडीए और पुलिस की टीम जांच करेगी।
मेरठ, जेएनएन। एनसीआरटी की डुप्टलीकेट कापी छापकर आठ साल में भाजपा नेता और उसका परिवार 40 करोड़ की अवैध संपत्ति हासिल कर चुका है। साथ ही राजस्व विभाग को भी उनके इस कृत्य से करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा। इसी के चलते संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता की संपत्ति के लिए एमडीए और पुलिस की टीम जांच करेगी। ताकि पता चल सकें कि आठ सालों में गुप्ता परिवार ने अर्थाह संपत्ति का मालिक कहां से बन गया है।
एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता का डुप्लीकेट किताबों की छपाई करने के बाद सप्लाई यूपी समेत देश के अन्य पांच राज्यों को दे रहे थे। प्रिटिंग प्रेस में किताबों को तैयार कर दुकानों पर सप्लाई दी जाती थी। उसके बाद फर्जी तरीके से किताबें खरीदने का बिल तैयार किया जाता था। पुलिस की जांच में सामने आया कि संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता पिछले आठ साले से इस धंधे को चला रहे है। 2013 में भी संजीव गुप्ता की प्रिटिंग प्रेस में एनसीआरटी की डुप्लीकेट किताबें पकड़ी गई थी। उस समय भी एनसीईआरटी इंटेलीजेंस की टीम ने टीपीनगर पुलिस के साथ छापा मारा था। उस समय विधायक के हस्तक्षेप के बाद मामला रफा दफा कर दिया गया था।
एसएसपी का कहना है कि इस बार पुलिस कार्रवाई में कोई भी कोताही नहीं बरतेगी। उसके अलावा भी कई अन्य ऐसी प्रिटिंग प्रेस की जानकारी मिली है, जो इस धंधे में शामिल है। संजीव और सचिन के गोदामों पर छापा लगने के बाद अन्य गोदामों को बंद कर दिया है। पुलिस और एसटीएफ की टीम संयुक्त रूप में ऐसी अन्य प्रिटिंग प्रेस को भी चिन्हित करना शुरू कर दिया है।
राहुल गुप्ता के गोदाम में चला रहा था किताबों का खेल
अछरोड़ा रोड पर जिस गोदाम में किताबे पकड़ी गई, वह राहुल गुप्ता निवासी काशी परतापुर का है। बताया गया कि संजीव और सचिन ने डेढ़ साल पहले उसे किराए पर लिया था। उससे पहले उक्त दोनों ने अपना गोदाम गोलाबढ़ में ले रखा था। पुलिस की टीम उक्त दोनों के अन्य गोदामों की तलाश कर रही है।
संजीव के गोदाम को नहीं ढूंढ पाई पुलिस
भाजपा नेता संजीव गुप्ता का शहर के अन्य स्थान पर एक और गोदाम है। एसटीएफ और पुलिस की टीम उस गोदाम को नहीं ढूंढ पाई है। माना जा रहा है कि गोदामों पर काम करने वाले नौकरों को भी भगा दिया है। संजीव गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद ही पुलिस गोदाम तक पहुंच सकेगी। माना जा रहा है कि उस गोदाम में भी करोड़ों किताबें भरी हुई है।
एनसीईएनटी की बिजीलेंस टीम ने खंगाले गोदाम
पुलिस और एसटीएफ के साथ एनसीईएलटी की टीम ने भी दोनों गोदामों को खंगाला है। माना जा रहा है कि संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता बड़े पैमाने पर एनसीईएलटी की किताबों की छपाई करने के बाद बाजार में बेच रहे थे। एनसीईएलटी की टीम पड़ताल कर रही है कि अब तक उक्त फर्म ने कितनी किताबें बाजार में बेच दी है। हालांकि वह टीएनएसके प्रिटर्स एंड पब्लिशर्स फर्म का भी संचालन कर रहे है। टीम पूरे मामले की तह तक जाने में लगी हुई है। माना जा रहा है कि इसके अलावा भी शहर में बड़े पैमाने में डुप्लीकेट किताबों की छपाई का धंधा चल रहा है।