मेरठ में अवैध किताब प्रकरण : विद्या प्रकाशन के खिलाफ प्रदर्शन कर समझौते का बनाया था दबाव Meerut News
करोड़ों के अवैध किताब प्रकरण में पांच साल से बड़ा रैकेट चल रहा था। एनसीईआरटी और पुलिस विभाग भी रोकने में नाकाम साबित हुआ। लेकिन जांच में अब नए तथ्य सामने आ रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। Illegal book case in Meerut करोड़ों के अवैध किताब प्रकरण में पांच साल से बड़ा रैकेट चल रहा था। एनसीईआरटी और पुलिस विभाग भी रोकने में नाकाम साबित हुआ। पुलिस की जांच में सामने आया है कि 2015 में भी टीएनएचके प्रिंटर्स से छह करोड़ की किताबें पकड़ी गई थीं, जिन पर पर्दा डालने के लिए सचिन गुप्ता ने अपने बहनोई और छात्रों के साथ मिलकर विद्या प्रकाशन के खिलाफ मोर्चा खोला था। क्योंकि उस मुकदमे में विद्या प्रकाशन के मालिक प्रदीप गुप्ता वादी बने थे। छात्रों के सड़कों पर आने के बाद प्रदीप गुप्ता बैकफुट पर आ गए। उन्होंने संजीव गुप्ता के साथ समझौता कर लिया, जिसके बाद पुलिस ने मुकदमे में एफआर लगा दी। पुलिस पूरे मामले की तह तक जाती तो अवैध किताबों का बड़ा नेटवर्क खड़ा ही नहीं हो पाता।
दबाव बनाकर केस कराया था वापस
पुलिस ने 2015 के मुकदमे की पुरानी फाइल भी खोल दी है। पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि प्रदीप गुप्ता पर दबाव बनाकर मुकदमा वापस कराया गया था। 2015 की कुछ तस्वीरें भी पुलिस ने जुटाई हैं, जिसमें सचिन गुप्ता अपने बहनोई के साथ मिलकर विद्या प्रकाशन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। विद्या प्रकाशन पर सरकारी लोगों का अवैध रूप से प्रयोग करने का आरोप था। यदि पुलिस 2015 में ही पूरे नेटवर्क से पर्दा उठा देती तो दोबारा से संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता इतना बड़ा नेटवर्क खड़ा नहीं कर पाते। पुलिस उक्त मुकदमे में भी दोबारा से विवेचना करने की तैयारी कर रही है।
सीजीएसटी से मांगा संजीव और सचिन की फर्म का ब्योरा
करोड़ों रुपये की अवैध किताब प्रकरण में पुलिस ने पुलिस ने सीजीएसटी से टीएनएचके फर्म का ब्योरा मांगा है। फर्म कितने दिनों से काम कर रही थी। प्रत्येक वर्ष का टर्न ओवर कितना है। हालांकि पुलिस अभी तक दोनों आरोपितों को पकड़ नहीं पाई है। इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा ने बताया कि सीजीएसटी से मिली जानकारी को विवेचना का हिस्सा बनाया जाएगा। उधर, संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद भी दोनों पुलिस की पकड़ से दूर हैं। एसटीएफ और पुलिस ने संजीव और सचिन गुप्ता की गिरफ्तारी को दबिश डाली है। एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि दोनों की गिरफ्तारी को टीम लगा रखी है। 2015 में दर्ज मुकदमे के बारे में जानकारी जुटाकर भी कार्रवाई की जा रही है।