जानलेवा है यह अनदेखी! उलझे तार-खुले ट्रांसफार्मर ले रहे जान
शहर को स्मार्ट बनाने के लिए अलग-अलग परियोजनाओं पर धन बरसाया जा रहा है लेकिन उलझे तारों खंभों के सहारे ले जाई जा रही विद्युत लाइनों और खुले में जलभराव वाले स्थान पर रखे ट्रांसफार्मरों की स्थिति में सुधार के कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। शहर को स्मार्ट बनाने के लिए अलग-अलग परियोजनाओं पर धन बरसाया जा रहा है, लेकिन उलझे तारों, खंभों के सहारे ले जाई जा रही विद्युत लाइनों और खुले में जलभराव वाले स्थान पर रखे ट्रांसफार्मरों की स्थिति में सुधार के कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। सोमवार को लिसाड़ी क्षेत्र की अजंता कालोनी में करंट लगने से बच्चे की मौत का मामला तो सिर्फ एक ताजा उदाहरण है। यहां पर जमीन पर ट्रांसफार्मर रखा है। जलभराव होने पर करंट उतरा और एक मां का आंचल सूना हो गया। मगर इसी तरह की स्थिति शहर में कई स्थानों पर है। शहर का लिसाड़ीगेट थानाक्षेत्र का अधिकांश हिस्सा, सराफा बाजार, कबाड़ी बाजार, नील वाली गली, कांच का पुल आदि स्थान ऐसे हैं जहां पर उलझे हुए तार के बीच ही लोगों की जिदगी बीत रही है। एक खंभे पर 150 से अधिक परिवारों तक तार पहुंचाए जा रहे हैं। ट्रांसफार्मर कई स्थानों पर नीचे और खुले में रखे हैं। कुछ समय पहले मोहकमपुर बस्ती में भी हादसा हुआ था। इसी तरह से शहर के बाहरी क्षेत्रों की नई व अविकसित कालोनियों में भी बल्लियों के सहारे बिजली की लाइन ले जाई जा रही है। कई जगहों पर खंभे 45 डिग्री तक झुके हुए हैं। अजंता कालोनी में हादसा सोमवार को हुआ। मंगलवार को टीम पहुंची जिसने निरीक्षण करने के बाद तय किया है कि इस ट्रांसफार्मर का फाउंडेशन ऊंचा किया जाएगा। तीन-चार दिन में प्लिथ तैयार होगा। तब तक अस्थाई ट्रांसफार्मर के सहारे आपूर्ति की जाएगी।
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जहां भी उलझे तार व ट्रांसफार्मर की समस्या होगी उसे चिह्नित करके दुरुस्त किया जा रहा है। गर्मी का मौसम आने से पहले ये सभी कार्य होने हैं। प्रस्ताव तैयार हैं। आचार संहिता समाप्त होने पर टेंडर निकालकर कार्य शुरू कराया जाएगा।
-विजय पाल, अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण निगम