मुजफ्फरनगर : पत्नी की हत्या के आरोप से बरी हुआ पति, नहीं मिले साक्ष्य; मुकदमे के वादी भी बयान से पलटे
उप्र के मुजफ्फरनगर में अपनी पत्नी की हत्या के आरोप से पति को बरी कर दिया गया है। पत्नी को दवा में जहर देकर मारने का आरोप पति पर लगा था। अदालत में हत्या करने का कोई साक्ष्य नहीं मिला।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। अतिरिक्त दहेज की मांग पूरी न होने पर एक वर्ष पूर्व दवा के बहाने जहर देकर पत्नी की हत्या के मामले में जेल में निरुद्ध आरोपित पति को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। धर्मेन्द्र सिंह पुत्र अजब सिंह निवासी नूदे थाना फलावदा जनपद मेरठ की पुत्री प्राची का विवाह तीन मार्च 2018 को मनीष पुत्र नीरज निवास ग्राम पाल कस्बा व थाना खतौली के साथ हुआ था।
प्राची के स्वजन का आरोप है कि विवाह के बाद से ही ससुराल वालों ने प्राची को अतिरिक्त दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। आरोप है कि 27 नवंबर 2019 को मनीष तथा उसकी मां दिनेश वती ने जबरन दवाई का बहाना बनाकर जहर पिला दिया। दो दिन मोदीपुरम के अस्पताल में भर्ती रहने के बाद प्राची की मौत हो गई। पुलिस ने घटना का मुकदमा दर्ज कर आरोपित मनीष को गिरफ्तार कर लिया। घटना का मुकदमा फास्ट ट्रेक कोर्ट संख्या-2 मधु गुप्ता के समक्ष चला।
कोर्ट में वादी मुकदमा धर्मेन्द्र सिंह के बयान कराए गए। लेकिन उन्होंने प्राची को जहर देने के आरोप से इंकार कर दिया। कोर्ट में कहा कि उसकी बेटी प्राची शादी से पहले ही डिप्रेशन की शिकार थी। शादी के बाद भी उसे डिप्रेशन ने घेरा हुआ था। बताया कि मोदीपुरम के अस्पताल में उपचार के दौरान प्राची ने उससे स्वयं बताया था कि उसने दवा की जगह गलती से कीटनाशक पी लिया था। कोर्ट में बचा पक्ष की दलील व गवाह तथा सुबूत के आधार पर मनीष को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। कोर्ट ने आदेशित किया कि मनीष को बरी कर दिया जाए।