आवास विकास परिषद : अवैध निर्माण का बोलबाला, कार्रवाई 'खामोश'
आवास विकास परिषद की कालोनियों में अवैध निर्माण की बाढ़-सी आ गई है। नियम विरुद्ध हो रहे अवैध निर्माणों की शिकायत उच्च अधिकारियों से करने पर वह कार्रवाई के नाम पर नोटिस का खेल खेल रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। आवास विकास परिषद की कालोनियों में अवैध निर्माण की बाढ़-सी आ गई है। नियम विरुद्ध हो रहे अवैध निर्माणों की शिकायत उच्च अधिकारियों से करने पर वह कार्रवाई के नाम पर नोटिस का खेल खेल रहे हैं। ऐसे ही शास्त्रीनगर बी ब्लाक में मकान नंबर 121 से सटे मकान में अवैध रूप निर्माण की शिकायत की गई तो आवास विकास परिषद के मुख्य अभियंता ने शिकायतकर्ता के प्रयास की सराहना की, लेकिन कार्रवाई के नाम पर नतीजा शून्य रहा।
शास्त्रीनगर निवासी गीता ने बताया कि परिषद के नियमानुसार 150 वर्ग मीटर से अधिक के आवासीय भूखंडों में फ्रंट और सेट बैक छोड़ना अनिवार्य है। लेकिन सेक्टर ए और बी में अधिकांश लोगों ने पूरे भू-भाग पर निर्माण कर लिया है। जिससे खुले और हरियाली के लिए आरक्षित क्षेत्र में कंक्रीट के जंगल खड़े हो गए हैं। सुरक्षा भी प्रभावित हो रही है। बताया कि शास्त्रीनगर बी ब्लाक में नंबर 121 से सटे मकान में तीन माह पहले नियम विरुद्ध तरीके से हो रहे निर्माण की जानकारी दी थी लेकिन केवल नोटिस ही जारी कर इतिश्री कर ली गई। इस मामले की शिकायत आवास आयुक्त और प्रमुख सचिव से की थी। अब निर्माण भी पूरा हो गया है। इस बारे में जब लखनऊ में परिषद के मुख्य अभियंता से वार्ता की तो उन्होंने कहा कि एक नागरिक रूप में आपका प्रयास सराहनीय है। बताया कि मामले में नोटिस जारी कर दिया गया है। पर निर्माण रुकवाने की बावत कहने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। मेरठ के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
सील लगाने के बाद भी चल रहीं व्यावसायिक गतिविधियां
मेरठ विकास प्राधिकरण ने परिषद के शास्त्रीनगर कार्यालय से कुछ दूर खुले चाट बाजार और केसर स्वीट्स पर सील लगाई थी। लेकिन सील लगने के बाद भी मौके पर व्यावसायिक गतिविधियां धड़ल्ले से चल रही हैं। सील का अता-पता नहीं है। अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि दोनों मामलों में एफआइआर दर्ज कराई गई है।