गृह मंत्रालय ने खुफिया विभाग से मांगी रिपोर्ट
शास्त्रीनगर नया के-ब्लॉक में 21 अगस्त की रात पुलिस द्वारा सीआरपीएफ कमांडो और उनके परिजनों से मिले।
मेरठ। शास्त्रीनगर नया के-ब्लॉक में 21 अगस्त की रात पुलिस द्वारा सीआरपीएफ कमांडो और उनके परिजनों की पिटाई का प्रकरण शुक्रवार को गृह मंत्रालय तक पहुंचा था। इसके बाद शनिवार को खुफिया विभाग की टीम ने कमांडो के परिजनों, पुलिस की दर्ज रिपोर्ट, सीओ की जांच रिपोर्ट और मौहल्ले के लोगों से प्रकरण की जानकारी की। दूसरी ओर, कमांडो के परिजन आइजी से उनके दफ्तर में मिले और थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए, जिस पर आइजी ने एसपी सिटी को तलब किया।
मेडिकल थानाक्षेत्र निवासी सतेंद्र चौधरी सीआरपीएफ में कमांडो हैं। वर्तमान में उनकी तैनाती जम्मू कश्मीर के बारामूला में है। 21 अगस्त की रात जोमैटो डिलीवरी मैन विवेक की तहरीर पर सतेंद्र के खिलाफ मारपीट और लूटपाट का केस दर्ज कराया। दारोगा जितेंद्र सिंह ने कमांडो पर सरकारी कार्य में बाधा, जानलेवा हमला और कई आरोपों में केस दर्जकर कमांडो को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इस दौरान पुलिस की पिटाई से सतेंद्र को बचाने में उनकी पत्नी मंजू सांगवान के हाथ, बेटा देवांशु के पैर में फ्रैक्चर और अन्य परिजनों को भी चोट आई। शनिवार को कमांडो का परिवार गौ-रक्षा सेवा समिति समिति जिलाध्यक्ष बिलेश्वर त्यागी, सपा नेता सम्राट मलिक और अन्यों के साथ आइजी आलोक सिंह से मिले। आइजी ने एसपी सिटी डॉ अखिलेश नारायण सिंह को तलब किया। परिजनों ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए। आरोप था कि दारोगा जितेंद्र सिंह और सस्पेंड दारोगा सुनील कुमार पूरी तरह दोषी हैं। जितेंद्र पर आरोप है और उसे ही कमांडो के केस की जांच सौंप दी। आइजी ने एसपी सिटी से पुलिस की भूमिका की जल्द ही जांच देने के निर्देश दिए। इससे पहले कमांडो सतेंद्र की पत्नी मंजू ने प्रकरण की शिकायत सीआरपीएफ कमांडेंट से की, जिन्होंने प्रकरण गृह मंत्रालय तक पहुंचाया। शनिवार को खुफिया विभाग से गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी। इसके बाद खुफिया विभाग के अफसर मेडिकल थाने में संबंधित पुलिसकर्मी और शास्त्रीनगर में कमांडो के परिजनों से मिलकर प्रकरण जाना। आइबी सूत्रों ने बताया कि पुलिस, कमांडो के परिजन और क्षेत्रवासियों से जानकारी जुटाई है। रिपोर्ट बनाकर जल्द भेजी जाएगी।