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हर्बल रंगों संग होगी होली की मस्ती, बाजार रंगों व पिचकारियों से हुए गुलजार

शहर में होली के गीत जगह-जगह सुनाई देने लगे हैं वहीं बाजार भी रंगों-पिचकारियों और खाद्य पदार्थो से गुलजार है। युवा स्किन की परवाह किए बिना होली के रंगों में सराबोर होने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 03:00 AM (IST)
हर्बल रंगों संग होगी होली की मस्ती, बाजार रंगों व पिचकारियों से हुए गुलजार
हर्बल रंगों संग होगी होली की मस्ती, बाजार रंगों व पिचकारियों से हुए गुलजार

मेरठ । शहर में होली के गीत जगह-जगह सुनाई देने लगे हैं, वहीं बाजार भी रंगों-पिचकारियों और खाद्य पदार्थो से गुलजार है। युवा स्किन की परवाह किए बिना होली के रंगों में सराबोर होने लगे हैं। जबकि होली के रंगों को पक्का करने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे स्किन खराब होने का खतरा बना रहता है। यही कारण है कि होली के बाद स्किन रोग विशेषज्ञ के पास लगभग 20 फीसद केस बढ़ जाते हैं।

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त्वचा रोग विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हम हर्बल रंगों से होली खेलें तो स्किन को नुकसान से बचाया जा सकता है। इन रंगों की खास बात यह है कि इन्हें थोड़ा प्रयास करके घर पर ही तैयार किया जा सकता है। इस समय बाजार में हर्बल रंगों की काफी डिमांड है। त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. सम्यक जैन के अनुसार होली के बाद उनके पास स्किन की समस्या को लेकर 20 से 25 फीसद तक केस बढ़ जाते हैं, जिसमें से ज्यादातर केमिकल वाले रंगों की एलर्जी के होते हैं। यदि घर में ही प्राकृतिक तरीके से रंग बनाया जाए तो इस समस्या से काफी हद तक निपटा जा सकता है। मजेंटा रंग

चकुंदर को पीसकर एक लीटर पानी में रातभर के लिए भिगोकर रख दें। सुबह इसे उबालकर ठंडा करें और इसमें थोड़ा पानी और मिला दें। इसके अलावा कचनार के फूलों को भी रात में भिगोकर पानी में मिलाकर मजेंटा रंग तैयार किया जा सकता है।

पीला रंग

दो छोटे चम्मच हल्दी और चार बड़े चम्मच बेसन मिलाकर पीला रंग तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा अमलतास और गेंदे के फूलों की पंखुड़ियों को सुखाकर पीसकर पीला रंग बनाया जा सकता है। इसमें हल्दी मिलाकर इसके रंग को और गाढ़ा किया जा सकता है।

लाल रंग

लाल रंग चंदन पाउडर या फिर गुड़हल की पत्तियों को सुखाकर पीसकर बनाया जा सकता है। इसके अलावा अनार के छिलकों से भी लाल रंग बनता है। जिसे लिक्विड बनाने के लिए इसमें पानी भी मिलाया जा सकता है।

हरा रंग

मेहंदी पाउडर को आटे में मिलाकर हरे रंग के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे सिर पर डालना भी लाभप्रद रहता है। इसे लिक्विड करने के लिए इसमें पानी मिला सकते हैं।

ब्राउन ब्लैक

चाय पत्ती को पानी में उबालकर छान लें, जिससे ब्राउन रंग मिलता है। वहीं इसे काला रंग बनाने के लिए आंवले को भी चाय पत्ती में उबाल सकते हैं। इन्होंने कहा-

होली में स्किन रोगों से बचाव के लिए पिछले कई सालों से प्राकृतिक तरीके से रंग तैयार किए जा रहे हैं। इन्हें तैयार करने में समय तो लगता है, लेकिन यह त्वचा के लिए बिल्कुल भी हानिकारक नहीं हैं।

-आकांक्षा जैन, विक्रेता हर्बल रंग होली का मतलब अपनों को नाराज करना नहीं हैं। कुछ लोग दूसरों को परेशान करने के लिए गहरे रंगों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अपनों के साथ होली खेलने का यह सही तरीका नहीं है। इसलिए हर्बल रंगों का इस्तेमाल कर होली की खुशियों को बढ़ाया जा सकता है। थोड़े ही प्रयास से इन्हें घर पर भी तैयार किया जा सकता है।

-योगेश, विक्रेता हर्बल रंग


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