यहां तो प्रधान पद के दावेदारों की फौज, सभी के अपने-अपने दावे
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बजा तो पद पाने की उम्मीदों को पर लग गए।
मेरठ, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बजा तो पद पाने की उम्मीदों को पर लग गए। मवाना ब्लाक के एक गांव में इस बार अनुसूचित जाति की महिला के लिए प्रधान पद आरक्षित हुआ। पुरुषों के मन में खुद चुनाव लड़ने की इच्छा थी लेकिन महिला सीट आने पर कुछ झटका लगा पर पत्नी के भाग्य में खुद का भाग्य बनाने में जुट गए। अब 18 उम्मीदवार की फौज मैदान में है।
गेहूं कटाई के लिए लोग खेतों में हैं इस बीच गांवों में चुनावी खुमार भी चढ़ा हुआ है। मवाना ब्लाक के 47 गांवों का भी यही हाल है। अभी नामांकन जमा होने में कुछ घंटे शेष हैं यानि 13व 15 अप्रैल हो होने हैं। एक गांव में संभावित दावेदारों की संख्या 18 है। हालांकि वोटरों को बांधने के लिए खुद के साथ दावेदार पत्नी भी महिलाओं के बीच जाकर अपने पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर रही हैं। हालांकि कुछ उम्मीदवार समर्थकों को अपने पाले में खींचने के लिए कुछ खर्च भी कर रहे लेकिन इनमें कई दावेदार ऐसे हैं कि जो मतदाताओं को उनके सुख-दुख में काम आने का वास्ता दे रहे हैं तो कुछ प्रत्याशी वोटरों को उनकी खेती में हाथ बंटाने की याद दिला समर्थन मांग रहे हैं। कुछ गांव के पानी की निकासी तो कोई रास्ते व सड़क और पशु अस्पताल का जीर्णोद्धार के साथ अन्य वादे कर रहे हैं।
प्रधान बना दो, ताउम्र अहसान रहेगा
पंचायती राज व्यवस्था में तो प्रधान ही लोगों की नजर में सबसे महत्वपूर्ण पद है। ऐसे में प्रधानी को कैसे छोड़ दें जो पांच साल बाद मिलता है। जिसमें जितना दम वह लगा रहें हैं। उम्मीदवार वादे कर कसमें खा रहे इस बार प्रधान बना दो ता उम्रभर अहसान रहेगा। बच्चे भी अहसान नहीं भूलेंगे।