Heath Tips: सूर्य नमस्कार से फेफड़े में होगा शुद्ध वायु का प्रवेश, जानिए इसके अन्य फायदे
कोरोना संक्रमण से शरीर में आक्सीजन की मात्रा कम होने लगी है। ऐसे में लोगों को अपने शरीर में आक्सीजन की मात्रा को बनाए रखने के लिए योग का सहारा लेना होगा। योग में कई ऐसी क्रियाएं हैं जिससे नियमित करने से शरीर में आक्सीजन की मात्रा बेहतर रहती है।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से शरीर में आक्सीजन की मात्रा कम होने लगी है। ऐसे में लोगों को अपने शरीर में आक्सीजन की मात्रा को बनाए रखने के लिए योग का सहारा लेना ही होगा। योग में कई ऐसी क्रियाएं हैं, जिससे नियमित करने से शरीर में आक्सीजन की मात्रा बेहतर रहती है। अगर आप कई तरह के आसान को याद नहीं रख पाते हैं तो सूर्य नमस्कार अपने आप में पर्याप्त है। योग शिक्षिका नवज्योति के अनुसार इसमें 12 तरह के आसन होते हैं। जिसके अभ्यास से फेफड़े के अंदर शुद्ध प्राण वायु का प्रवेश पर्याप्त मात्रा में होता है।
सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास करें -
- दोनों पैरों को आपस में मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं, फिर दोनों हाथ जोड़कर वक्षस्थल पर रखना चाहिए।
- पैर से कमर तक के हिस्से को सीधा रखते हैं, फिर कमर से उपरी भाग और दोनों हाथों को सीधा रखते हुए सांस लेते हुए पीछे लें जाते हैं।
- दोनों नाक से सांस छोड़ते हुए पैर से कमर तक के हिस्से को सीधा रखते हुए दोनों हाथ से जमीन को छूते हुए सिर को घुटनों से लगाना होता है।
- सूर्य नमस्कार के चौथे अभ्यास में दोनों हाथ को जमीन पर रखकर बाएं पैर को पूरी तरह से पीछे लाकर दाएं पैर को मोड़ लेते हैं फिर कमर से उपरी भाग को पीछे की ओर ले जाते हैं।
- इसमें सांस को लेते दोनों हाथ को उपर ले जाते हुए कमर से पीछे की ओर झुकाते हैं।
- सांस छोड़ते समय दोनों हाथ को जमीन पर रखते हैं, बाएं पैर को मोड़ते हुए कमर से उपर के भाग को पीछे लेकर जाते हैं।
- सांस लेते समय दोनों हाथ को उपर ले जाते हुए कमर के उपरी भाग को पीछे की ओर घुमाते हैं।
- सूर्य नमस्कार के इस क्रिया में सांस छोड़ते समय दोनों पैर और हाथों को जमीन पर रखते हुए हैं, फिर कमर को पीछे की ओर ले जाकर उपर उठाते हैं।
- सांस लेते समय दोनों पैर और हाथ के बल पर शरीर को जमीन से उपर उठाने का प्रयास करते हैं।
- इसमें दोनों हाथ और पैरों पर भार रखते हुए कमर को बीच से उठाने का अभ्यास किया जाता है।
- पैर से कमर के हिस्से को सीधा रखते हुए दोनों हाथों को जमीन पर जमाकर सिर को घुटनों से लगाने का अभ्यास करते हैं।
- सीधे खड़े होकर प्रणाम की मुद्रा में अभ्यास करते हैं।