बारावफात पर हजरत मोहम्मद ने दिया कौमी एकता का पैगाम
जमीयत उलमा मेरठ शहर की ओर से गुजरी बाजार पीपल वाली गली मस्जिद में एक जलसा सीरत उल नबी किया गया।
मेरठ, जेएनएन। जमीयत उलमा मेरठ शहर की ओर से गुजरी बाजार पीपल वाली गली मस्जिद में एक जलसा सीरत उल नबी किया गया। अध्यक्ष काजी जैनुर राशिदीन ने कहा कि बारावफात के दिन हजरत मोहम्मद की पैदाइश हुई। इसलिए यह दिन मुबारकबाद का होता है। उन्होंने कहा कि हजरत मोहम्मद ने लोगों को प्यार, मोहब्बत व कौमी एकता का पैगाम दिया। गरीबों की मदद व सभी धर्म के लोगों से अच्छा बर्ताव करने पर जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन हाजी मो. हनीफ कुरैशी ने किया। जलसे को मौलाना सैफुल्ला, मौलाना मो. इस्लाम, कारी मो. सलमान कासमी आदि ने संबोधित किया। मौलाना इजहारुल हक ने दुआ कराई। हाजी इमरान सिद्दीकी, शिराज रहमान, इरशाद कुरैशी, अय्यूब अंसारी, इकराम, अलीमुद्दीन, हारुन राइन, जमाल राइन व तनवीर अहमद मौजूद रहे।
बाले मियां पर बांटा खाना व खीर: आल इंडिया सीरत कमेटी की ओर से शाम छह बजे बाले मियां की दरगाह पर कुरानखानी, फातिहा, दुआ सलाम के बाद जरूरतमंदों को खाना व खीर आदि सामान बांटा गया। कमेटी के अध्यक्ष मुफ्ती मो. अशरफ ने कहा कि नबी एक करीम का फरमान है। हमें हर कीमत पर तालीम हासिल करनी चाहिए। हर मसले का हल तालीम में छिपा है। ताहिर अब्बासी, शारिक मुन्ना, इकराम अंसारी, रिहान, कामिल, कमर, सूफी जमाल, शोएब खान, आरिफ, अरशद अंसारी, फारूख सैफी, उवैस सैफी, फैसल कुरैशी, जाहिद आदि मौजूद रहे।