Hariom Ananad Suicide Case: नौ महीने बाद भी चार्ज शीट दाखिल नहीं कर पाई Meerut Police, मामला हापुड़ ट्रांसफर
चर्चित हरिओम आनंद आत्महत्या प्रकरण का मुकदमा आइजी ने हापुड़ ट्रांसफर कर दिया। इस मामले में नौ महीने बाद भी मेरठ पुलिस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी थी और आरोपितों को क्लीनचिट देने जा रही थी।
मेरठ, जेएनएन। चर्चित हरिओम आनंद आत्महत्या प्रकरण का मुकदमा आइजी ने हापुड़ ट्रांसफर कर दिया। इस मामले में नौ महीने बाद भी मेरठ पुलिस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी थी और आरोपितों को क्लीनचिट देने जा रही थी। आइजी की कार्रवाई के बाद आरोपितों में हड़कंप मच गया है। अब हापुड़ पुलिस दोबारा से पूरे प्रकरण की विवेचना करेगी।
27 जून 2020 को गढ़ रोड स्थित आनंद अस्पताल के मालिक हरिओम आनंद ने आत्महत्या कर ली थी। हरिओम की बेटी मानसी आनंद की तरफ से शेयर होल्डर और सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल कृष्ण भटनागर समेत नौ लोगों को नामजद किया गया था। आरोप था कि हस्ताक्षर स्थानांतरण का हरिओम आनंद पर दबाव बनाया जा रहा है। एक माह तक मेरठ के एसपी सिटी की जांच के बाद 29 जुलाई को मुकदमा दर्ज किया था। घटना के नौ माह बाद विवेचक वरुण शर्मा ने सभी आरोपितों को क्लीनचिट देने की तैयारी कर ली थी। हालांकि अभी तक कोर्ट में एफआर दाखिल नहीं किया गया। इसकी जानकारी आइजी प्रवीण कुमार को मिलते ही उन्होंने नौचंदी पुलिस से मुकदमे में अब तक की कार्रवाई का ब्योरा मांगा।
आइजी की छानबीन में मेरठ पुलिस की विवेचना सवालों के घेरे में आ गई। इसके बाद मुकदमे को हापुड़ ट्रांसफर कर दिया। हापुड़ के एसपी नीरज जादौन को लिखे पत्र में आइजी ने कहा कि कुशल विवेचक को विवेचना सुपुर्द की जाए, ताकि साक्ष्य संकलित कराते हुए गुण दोष के आधार पर निस्तारण किया जाए।
एडीजी जोन राजीव सभरवाल ने कहा- नौ माह के बाद भी मेरठ पुलिस अभी तक मुकदमे को निपटा नहीं पाई है। ऐसे में पीड़ित पक्ष की तरफ से लगातार शिकायत की जा रही थी। उसी के मद्देनजर विवेचना को हापुड़ स्थानांतरण कर दिया है।