कोचिग में हुई थी मुलाकात, धंधा करने लगे थे साथ
मेरठ, जेएनएन। यूपीटीईटी की परीक्षा में सेंधमारी से पहले ही एसटीएफ ने गिरोह को पकड़ लिया। पूछताछ में स
मेरठ, जेएनएन। यूपीटीईटी की परीक्षा में सेंधमारी से पहले ही एसटीएफ ने गिरोह को पकड़ लिया। पूछताछ में सरगना ने बताया कि पांच साल पहले उसने खुद की परीक्षा के लिए भी रुपये दिए थे। अब वह अपना गिरोह चला रहा है। टीम अब इस बात की तस्दीक कर रही है कि उसने पूर्व में कौन-कौन सी परीक्षाओं का ठेका लिया था।
सरगना मोनू ने बताया कि वह 12वीं पास है। जब वह इंटर में था, तब कोचिंग के लिए बड़ौत जाता था। उसके साथ शाहनवाज (परीक्षाओं में नकल कराने वाला) का भाई भी पढ़ता था। 2016 में मोनू ने रेलवे की ग्रुप डी की परीक्षा के लिए फार्म भरा था। पास कराने के लिए शाहनवाज ने उससे ढाई लाख रुपये लिए थे, लेकिन वह पास नहीं हुआ। इसके बाद वह शाहनवाज के संपर्क में आ गया और उसके लिए अभ्यथियों को लाने लगा था। 2018 में शाहनवाज धांधली के मामले में जेल चला गया था, जिसके बाद मोनू ने अपना गैंग बना लिया।
अनिल के शिक्षक ने मिलवाया था
मोनू ने बताया कि अभ्यर्थी अनिल बुलंदशहर में कोचिग करता था। उसको एक शिक्षक जानता था, जिसने दोनों की मुलाकात कराई थी। अनिल ने आरपीएफ का पेपर पास कराने के लिए मोनू को ढाई लाख रुपये दिए थे, लेकिन वह पास नहीं करा पाया था। उन्हीं रुपयों में टीईटी की परीक्षा दी जा रही थी। मोनू ने बताया कि 2020 में साल्वर राजा उससे एक दोस्त के जरिये मिला था। तभी से वह भी उसके साथ जुड़ गया। राजा को परीक्षा देने के एवज में 50 हजार रुपये देने तय हुए थे। एसटीएफ अब उस शिक्षक की भी तलाश कर रही है, जिसने अनिल को मोनू से मिलवाया था।
ये सामान हुआ बरामद
एडमिट कार्ड की छाया प्रति
एक आधार कार्ड
एक पैन कार्ड
एक ओएमआर शीट
एक मार्कशीट
एक डिवाइस
करीब 17 सौ रुपये