लालच ने बदरंग कर दिया है बस अड्डे का चेहरा
शहर के बीचोबीच बने भैंसाली बस अड्डे के कारण यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।
मेरठ । शहर के बीचोबीच बने भैंसाली बस अड्डे को स्थानांतरण को लेकर खबर हवा में तैरती रहती है। यह जब हटेगा, तब हटेगा, लेकिन जब तक है, वहां व्यवस्था की जिम्मेदारी उठाने को कोई तैयार नहीं है। रोजाना बस अड्डे पर जाम लगता है। अतिक्रमण का हाल पूछिए मत, ई-रिक्शा वालों की मनमानी तो कहिए मत..यह तब के हालात हैं जब नियमित रूप से पुलिस खड़ी रहती है। कुछ ही दूरी पर थाना भी है। लेकिन यहां से गुजरते समय परेशान होने वाले लाखों लोगों की सुध किसी को नहीं है। अगर पुलिस सक्रिय भी हुई तो व्यवस्था बनाने की बजाय दूसरे शहर से आने वाले वाहनों के दस्तावेजों की जांच में ही समय बीतता है। मंगलवार को बस अड्डे के सामने बुरे हालात थे, लेकिन ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी या तो छांव में बैठकर सुस्ता रहे थे या कश भर रहे थे।
सबसे बुरी स्थिति खुद रोडवेज बसों की है। पांच करोड़ की लागत से बस अड्डा तैयार हो चुका है। दिल्ली की तर्ज पर हर स्थान को जाने वाली बसों के लिए प्लेटफार्म बने हैं। इसके अलावा भी बड़ी संख्या में बसों के खड़े होने के लिए अंदर पर्याप्त जगह है। बसें अड्डे से तो निकलती हैं, लेकिन सवारियों के लालच में काफी समय सड़क पर ही बिताते हैं, इसकी वजह से पीछे काफी जाम लग जाता है। ऐसे में कई बार भारी वाहन रांग साइड से निकलने की कोशिश करते हैं और हादसे घटित होते हैं। यहां तो ई-रिक्शा का स्टैंड बन गया है
एक ओर सड़क किनारे बसों की मनमानी तो दूसरी ओर बेगमपुल की ओर जाने वाले हिस्से पर ई-रिक्शा और ऑटो चालकों ने अपना स्टैंड ही बना लिया है। जब जाइए, आपको दर्जनभर सड़क पर ही खड़े ये मिल जाएंगे। बसों से उतरने वाले यात्री इन्हें मिल जाएं, इसकी ताक में ये यहां से हटने को तैयार नहीं। किसी राहगीर ने विरोध किया तो मारपीट तक की नौबत आ जाती है। इन्हें हटाने के लिए पुलिस की ओर से कोई प्रयास नहीं होता। दुकानें भी सड़क तक फैलीं
वाहनों की मनमानी के बीच दुकानदारों ने भी स्थिति को और दूभर कर दिया है। सड़क और ठेले फुटपाथ से बढ़ते-बढ़ते सड़क तक आ गए हैं। यहां सड़क तक दुकान लगने की वजह से राहगीर भी सामान खरीदने खड़े हो जाते हैं, ऐसे में आधा से अधिक सड़क घिर जाती है जो जाम का आम कारण बन जाती है। डग्गामारी पर कौन लगाएगा लगाम
इन सबके बीच डग्गामार वाहनों का भी बोलबाला कोढ़ में खाज का काम कर रहा है। न तो आरटीओ, न ही रोडवेज प्रशासन और न ही पुलिस इन डग्गामारों पर लगाम कसने को तैयार है। रोजाना दर्जनों वाहन बस अड्डे के बाहर से छूटते हैं और इसकी जानकारी सभी को है, बावजूद सभी आंख मूंदे बैठे हैं। इनका कहना है
अव्यवस्था की वजह अगर अवैध वसूली है तो बेहद गंभीर विषय है। इसकी गोपनीय जांच कराई जाएगी। मैं खुद भी सादी वर्दी में घूमकर जांच करूंगा। कोई भी पकड़ा जाता है तो उसके विरुद्ध तत्काल कठोर कार्रवाई होगी। डग्गामार वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग के अधिकारियों व ट्रैफिक एसपी से बात कर इनके संचालकों पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
-डा. अखिलेश नारायण सिंह, एसपी सिटी।