UP News: इस साल से स्नातक में सेमेस्टर सिस्टम से होगी पढ़ाई, दिशा निर्देश जल्द होंगे जारी
Graduation in Semesters चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में इसी सत्र यानी 2021-22 से स्नातक में सेमेस्टर सिस्टम सीबीसीएस आधारित पढ़ाई शुरू होगी। इसके संचालन के संबंध में कालेजों को जल्द दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे।
विवेक राव, मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में इसी सत्र यानी 2021-22 से स्नातक में सेमेस्टर सिस्टम सीबीसीएस आधारित पढ़ाई शुरू होगी। कॉलेजों में इसका संचालन किस तरह से किया जाएगा। इसे लेकर जल्द ही दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। फिलहाल उच्च शिक्षा विभाग और से जारी पत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर पूरी कार्ययोजना बताई गई है ।
तीन वर्षीय स्नातक में 62 पाठ्यक्रम तैयार किए जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर यह पाठ्यक्रम अपलोड है। स्नातक शोध सहित और परास्नातक विषयों के पाठ्यक्रमों की सूची और जानकारी जल्द उपलब्ध कराई जाएगी। उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद की वेबसाइट में दिए गए विषयों के अतिरिक्त अगर कोई विश्वविद्यालय स्नातक स्तर पर कोई कोर्स संचालित करता है। तो उसका पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए तीन शिक्षकों के नाम गूगल लिंक पर एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। यदि कोई भी विषय एक से अधिक विश्वविद्यालय में चल रहा हो तो वह सभी विश्वविद्यालयों में न्यूनतम समान पाठ्यक्रम पर लागू होगा।
शैक्षणिक सत्र 2021 -22 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन
न्यूनतम समान पाठ्यक्रम और च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) पर आधारित सेमेस्टर सिस्टम के संबंध में स्थिति स्पष्ट किया गया है।सभी विश्वविद्यालयों में 70 फीसद टॉपिक एक सामान होंगे। इससे अधिक टॉपिक विश्वविद्यालय अपने आवश्यकतानुसार रख सकते हैं। वर्तमान में विश्वविद्यालयों में संचालित तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम सत्तर अस्सी फीसद तक तीन वर्ष में समान है।
इन क्षेत्रों में नहीं लागू होगा
मेडिसिन और डेंटल के अलावा तकनीकी शिक्षा जैसे बीटेक एमसीए आदि में यह फार्मूला अभी लागू नहीं किया जाएगा। इसी तरह से विधि में बीएएलएलबी, बीएससी एलएलबी, एलएलबी और शिक्षक शिक्षा बीएड, एमएड,बीपीएड, एमपीएड के लिए व्यवस्था का निर्धारण उनकी नियामक संस्थाओं के अनुसार किया जाएगा। जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप नए पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
हर साल डिग्री
एक वर्ष का सर्टिफिकेट, दो वर्ष का डिप्लोमा, तीन वर्ष में तीन वर्षीय स्नातक डिग्री, चार वर्षीय स्नातक शोध की डिग्री मिलेगी। इसके अलावा पांच वर्षीय स्नातकोत्तर डिग्री और शोध उपाधि दी जाएगी।
ऐसा होगा पेपर
एक विषय के विभिन्न थ्योरी, प्रैक्टिकल के पेपर को कोर्स पेपर प्रश्न पत्र कहा जाएगा। थ्योरी और प्रैक्टिकल के प्रश्न पत्रों का कोड अलग अलग होगा।
पाठ्यक्रम लागू करने की तय हुई तिथि
तीन विषय वाले पाठ्यक्रमों यानी बीए, बीएससी व बीकॉम में सीबीसीएस आधारित नवीन पाठ्यक्रम शैक्षणिक सत्र 2021 22 से ही लागू किया जाएगा। स्नातक शोध सहित और परास्नातक पाठ्यक्रमों में सीबीसीएस आधारित नया पाठ्यक्रम शैक्षणिक सत्र 2022- 23 से लागू होगा। बीए बीएससी ऑनर्स और एकल विषय से स्नातक कार्यक्रम में सीबीसीएस आधारित नवीन पाठ्यक्रम शैक्षणिक सत्र 2022 से लागू होगा। पीएचडी में नई व्यवस्था लागू की जाएगी।
कौशल विकास अनिवार्य
स्नातक स्तर पर हर छात्र को पहले दो वर्षों में यानी कि चार सेमेस्टर में हर सेमेस्टर में तीन क्रेडिट का एक कौशल विकास पाठ्यक्रम करना होगा। स्नातक स्तर के हर छात्र को तीन वर्ष यानी छह सेमेस्टर के प्रत्येक सेमेस्टर में एक पाठ्यक्रम करना अनिवार्य होगा।
फील्ड वर्क भी जरूरी
नई शिक्षा नीति में थ्योरी के एक क्रेडिट पेपर में एक घंटा प्रति सप्ताह का शिक्षण कार्य रखा गया है। यानी कि एक सेमेस्टर में 15 सप्ताह में 15 घंटे का शिक्षण करना होगा। प्रैक्टिकल, इंटर्नशिप, फील्ड वर्क के लिए एक क्रेडिट के पेपर में दो घंटे प्रति सप्ताह का शिक्षण कार्य करना होगा। यानी एक सेमेस्टर के 15 सप्ताह में 30 घंटे का प्रैक्टिकल इंटर्नशिप फील्ड वर्क आदि कराना होगा।
कम से कम 46 क्रेडिट का कोर्स अनिवार्य
छात्रों को कम से कम 46 क्रेडिट का कोर्स करने पर एक वर्ष का सर्टिफिकेट दिया जाएगा। 42 क्रेडिट करने पर दो वर्षीय डिप्लोमा और 132 क्रेडिट करने पर तीन वर्षीय स्नातक की डिग्री दी जाएगी। इससे आगे अगर छात्र न्यूनतम 184 क्रेडिट लेता है तो उसे स्नातक सहित शोध की डिग्री दी जाएगी। 232 क्रेडिट लेने पर परास्नातक डिग्री और 248 क्रेडिट करने पर पीजीडीआर की डिग्री दी जाएगी।